कम जमीन से भी चार गुना उत्पादन ले सकते हैं, चलिए आपको हाइड्रोपोनिक खेती के बारे में बताते हैं जिसके लिए सरकार आधा खर्चा उठा रही है-
हाइड्रोपोनिक खेती
जिन किसानों के पास ज्यादा बड़ी जमीन नहीं है, लेकिन अच्छा बाजार उनके आसपास है, और खेती से तगड़ी कमाई कर सकते हैं तो ऐसे किसान हाइड्रोपोनिक खेती कर सकते हैं। इसमें बिना मिट्टी के खेती होती है। पानी में भी बंपर पैदावार ली जा सकती है। आपको बता दे की हाइड्रोपोनिक तकनीक से अगर एक एकड़ में टमाटर की खेती करते तो 1200 क्विंटल टमाटर मिलेगा। जिसकी गुणवत्ता भी अच्छी होगी। जबकि सामान्य तौर पर जमीन में टमाटर की खेती करते हैं तो अधिकतम 300 क्विंटल उत्पादन मिल पाता है। इस तरह हाइड्रोपोनिक खेती की पावर देख सकते हैं।
हाइड्रोपोनिक खेती पर अनुदान
हाइड्रोपोनिक खेती मिट्टी में नहीं पानी में की जाती है। पानी में खेती करने के लिए कई चीजों की जरूरत पड़ती है जैसे पाइप या कंटेनर, पोषक तत्वों का घोल, पानी, पंप, प्रकाश, तापमान और आद्रता नियंत्रक। इन सब चीजों में भारी खर्च बैठता है। इसीलिए सागर, मध्य प्रदेश में इस हाईटेक तकनीकी की खेती करने के लिए किसानों को 50% अनुदान दिया जा रहा है।
दरअसल, कृषि विभाग के अधिकारियों को इस खेती से किसानों को होने वाले फायदे का अंदाजा है। जिसकी वजह से डीपीआर बनाया गया है और इसे आगे भी भेज दिया गया है। जिसमें जल्द से जल्द किसानों को इसकी खेती के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। चलिए जानते हैं इस खेती में आने वाले खर्च के बारे में।
हाइड्रोपोनिक खेती में लागत
हाइड्रोपोनिक खेती की तकनीक उन किसानों के लिए बढ़िया है जिनके पास जमीन की कमी है। लेकिन पानी की समस्या नहीं है। किसान के पास अगर पानी है तो 1000 वर्ग मीटर की जमीन से भी अच्छा खासा उत्पादन दे सकते हैं। 1000 वर्ग मीटर में हाइड्रोपोनिक तकनीक से खेती करने पर 1200 क्विंटल टमाटर का उत्पादन मिलता है। वही लागत की बात करें तो 1000 वर्ग मीटर में हाइड्रोपोनिक सिस्टम बनाने के लिए करीब 60 लाख का खर्चा आता है। जिस पर 50% सरकार देगी। यानी की 30 लख रुपए सरकार से आर्थिक मदद ले सकते हैं। इसके अलावा किसानों को और भी कई तरह से सरकार मदद करती है, कम ब्याज दर पर लोन भी प्राप्त कर सकते हैं।
हाइड्रोपोनिक तकनीक से किसान सब्जियों में टमाटर, मिर्च, खीरा, लेट्यूस, पालक, मेथी आदि सब्जियां, और जड़ी-बूटी में
तुलसी, धनिया, पुदीना, अजवायन, अजमोद, रोज़मेरी, थाइम आदि उगा सकते है।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		