Illegal Colonies: राज्य सरकार ने अवैध कॉलोनियों के नियमन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. जयपुर में आवासन मंडल की अवाप्तशुदा भूमि पर बसी 87 अवैध कॉलोनियों में रह रहे लाखों लोगों को जल्द ही पट्टे पर दी जाएगी. इस निर्णय से न केवल वहां के निवासियों को राहत मिलेगी, बल्कि इससे संपत्ति की कानूनी मान्यता भी मिलेगी.
नगरीय विकास विभाग की योजना
नगरीय विकास विभाग ने पट्टा वितरण की पूरी योजना जारी की है. इसके अनुसार, गृह निर्माण सहकारी समिति और विकास समिति को आगामी 15 मई तक अपने रिकॉर्ड प्रस्तुत करने होंगे और जुलाई में पट्टा वितरण के लिए विशेष कैंप (special camps for lease distribution) आयोजित किया जाएगा. इस प्रक्रिया से अधिकांश लाभान्वित जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के निवासी होंगे.
जमीन का हस्तांतरण और नियमन
आवासन मंडल द्वारा दर्ज जमीनें जयपुर विकास प्राधिकरण को हस्तांतरित की जाएंगी. इन जमीनों पर अब तक किए गए निर्माण कार्यों के आधार पर उन्हें नियमित किया जाएगा. यह नियमन केवल उन योजनाओं में किया जाएगा जहां 50 प्रतिशत से अधिक भूखंडों पर निर्माण पूर्ण हो चुका है .
सहकारी समितियों की भूमिका
पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदियों के बावजूद, अब नई सरकार ने सहकारी समितियों से भी रिकॉर्ड्स प्राप्त करने की अनुमति दी है. यह कदम अवैध कॉलोनियों के नियमन में तेजी लाएगा और समितियों के लिए भी उनके कार्य की पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा.
नियमन के पीछे का तर्क
आवासन मंडल की अवाप्तशुदा भूमि पर सृजित आवासीय कॉलोनियां अब जनहित में नियमित की जाएंगी. इस नियमन प्रक्रिया से न केवल निवासियों को कानूनी अधिकार मिलेगा, बल्कि सरकारी योजनाओं के अंतर्गत उन्हें और भी कई सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.