सरसों की कटाई में सावधानियां ना बरतने से उत्पादन में होगा नुकसान। सरसों की कटाई के समय यदि सही सावधानियां न बरती जाएं तो उत्पादन में नुकसान हो सकता है या दाने की गुणवत्ता खराब हो सकती है। नीचे सरसों की कटाई के समय बरती जाने वाली प्रमुख सावधानियों का विस्तार से बताते है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है।
सही समय पर सरसों की कटाई करें
सरसों की फसल पकने पर उसकी फलियों का रंग हरा से पीला या हल्का भूरा हो जाता है। यदि कटाई जल्दी कर दी जाए तो दाने सिकुड़ सकते हैं और यदि देर से करें तो फलियाँ फटकर दाने झड़ सकते हैं। कटाई तब करें जब फलियाँ 70-80% तक पीली/भूरी हो जाएं और दानों में कठोरता आ जाए।
मौसम का ध्यान रखें
कटाई सूखे और साफ मौसम में ही करें। बारिश या अधिक नमी में कटाई करने से दाने में नमी अधिक हो जाती है, जिससे भंडारण में फफूंदी या अंकुरण की समस्या हो सकती है। ओस या धुंध वाले दिन में भी कटाई न करें, दाने गीले हो सकते हैं।
सरसों की कटाई में सही उपकरणों का उपयोग करें
कटाई के लिए तेज धार वाले दरांती या आधुनिक हार्वेस्टर का उपयोग करें। अगर मशीन से कटाई कर रहे हैं तो मशीन की गति और कटर की ऊँचाई का सही ढंग से समायोजन करें ताकि पौधे की जड़ों में मिट्टी न लगे और दाने टूटने न पाएं।
सरसों के दाने झड़ने से बचाव
कटाई करते समय फसल को हल्के हाथों से उठाएं और रखें ताकि फलियों के दाने गिरें नहीं। कटाई के बाद फसल को तुरंत थ्रेसिंग (गहाई) न करें, पहले कुछ घंटों तक सूखने दें।
सरसों को सुखाने की प्रक्रिया
कटाई के बाद फसल को खेत में या खुले स्थान पर 4-5 दिन तक धूप में सुखाएं। फसल को सुखाते समय रात को ढक दें ताकि ओस या नमी से बचाव हो सके। सुखाने के बाद ही थ्रेसिंग करें ताकि दाने पूरी तरह सूखे और मजबूत रहें।
सरसों की साफ-सफाई का ध्यान रखें
थ्रेसिंग से पहले थ्रेशर या अन्य मशीनरी को अच्छे से साफ कर लें। कटाई के बाद दानों को साफ छानकर भंडारण के लिए तैयार करें।
सरसों के भंडारण से पहले नमी की जांच करें
भंडारण से पहले सुनिश्चित करें कि दानों में नमी 8-10% से अधिक न हो। अधिक नमी से भंडारण में फसल खराब हो सकती है।
सरसों की कटाई में श्रमिकों को प्रशिक्षित करें
यदि मजदूरों से कटाई करवा रहे हैं तो उन्हें दानों की झड़ाई से बचने और सावधानीपूर्वक काम करने का निर्देश दें।
सरसों के पौधों को समुचित रूप से बाँधें
कटाई के बाद पौधों को छोटे-छोटे गट्ठरों में बाँधकर खेत में या सुरक्षित स्थान पर सुखाने के लिए रखें।
सरसों की फसल में कीट और रोग से बचाव
फसल को सुखाने और भंडारण से पहले देखें कि दानों में कोई कीट या रोग का असर तो नहीं है। यदि हो तो दानों का उपचार करें।