Ayushman Yojana Card: उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत रजिस्टर्ड अस्पतालों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा ऐलान किया है। अब अस्पतालों को मरीजों के इलाज के बाद लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इलाज के बाद अस्पतालों को एक माह के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
इस कदम से राज्य में आयुष्मान कार्डधारक मरीजों को भी बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि इससे अस्पतालों में इलाज में देरी की समस्या खत्म होगी। आइए विस्तार से जानते हैं इस बैठक में मुख्यमंत्री ने क्या-क्या निर्देश दिए और इसका क्या असर होगा।
लखनऊ में हुई हाई लेवल मीटिंग
रविवार, 16 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य और वित्त विभाग सहित कई अहम विभागों के अधिकारियों से राज्य में आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान की स्थिति की जांच की।
बैठक में सीएम ने साफ कहा कि किसी भी अस्पताल का बकाया लंबित न रखा जाए। अस्पतालों को मरीज के इलाज के बाद अधिकतम एक माह में भुगतान कर दिया जाना चाहिए।
अस्पतालों को समय पर मिलेगा भुगतान
अब तक कई बार शिकायतें मिलती थीं कि आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों को भुगतान में देरी होती है। इससे मरीजों के इलाज पर असर पड़ता था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि इस तरह की समस्या अब नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में देरी से आम जनता की सेवाओं पर असर पड़ता है, जो किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।
नए अस्पतालों को जल्द जोड़ा जाएगा योजना में
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जरूरत के अनुसार आयुष्मान भारत योजना और मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान में नए अस्पतालों को भी पैनल में जोड़ा जाए।
इसके लिए इम्पैनलमेंट के नियमों को सरल और व्यावहारिक बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे ज्यादा अस्पताल इस योजना से जुड़ सकेंगे और मरीजों को अपने आसपास बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकेंगी।
स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सीएम का फोकस
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठक में कहा कि स्वास्थ्य ऐसा क्षेत्र है जो हर व्यक्ति से जुड़ा हुआ है। इसलिए यह जरूरी है कि प्रदेश के हर नागरिक को समय पर और सस्ती चिकित्सा सुविधा मिले।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि नीतिगत सुधार करते हुए अस्पतालों और डॉक्टरों की सुविधा का भी ध्यान रखा जाए।
प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज कर रहे काम
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि सरकार के लगातार प्रयासों से उत्तर प्रदेश में इस समय 80 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। यह राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।
सीएम योगी ने अधिकारियों से कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए ताकि मरीजों को दवाओं की कमी या डॉक्टरों की अनुपलब्धता जैसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।
मुख्यमंत्री डैशबोर्ड से होगी योजनाओं की निगरानी
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि जनहित में जारी विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के माध्यम से की जाएगी।
इसमें सभी विभागों की योजनाओं और उनके लागूकरण की अद्यतन जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी, जिससे कार्यों में पारदर्शिता और तेजी आएगी।
वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी लक्ष्य पर भी चर्चा
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करना होगा।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अपने-अपने विभागों में चल रही परियोजनाओं और अब तक की प्रगति की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक विभाग को अपने-अपने स्तर पर विकास योजनाओं में तेजी लानी होगी ताकि तय टाइम लिमिट में लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश और सुधार होंगे प्राथमिकता में
सीएम योगी ने साफ किया कि उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार स्वास्थ्य ढांचे में और निवेश करेगी।
मरीजों के लिए मुफ्त दवाएं, जांच सुविधाएं और अत्याधुनिक अस्पतालों की स्थापना सरकार के एजेंडे में शामिल है।