Uttar Pradesh Light Train: उत्तर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर, प्रयागराज, और मेरठ में लाइट मेट्रो परियोजना की योजना बनाई है. इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को मंजूरी मिल चुकी है, जिससे फंडिंग का मार्ग प्रशस्त हो गया है. इस परियोजना का उद्देश्य तीनों शहरों में यातायात को आसानी हो.
लाइट मेट्रो की खासियत
लाइट मेट्रो, पारंपरिक मेट्रो से अलग होगी क्योंकि यह मुख्य रूप से सड़क के समानांतर और कुछ जगहों पर एलिवेटेड ट्रैक पर चलेगी. इसके स्टेशन बस स्टैंड की तरह छोटे होंगे और तीन से चार कोच की व्यवस्था होगी.
यात्री सुविधाएं और क्षमता
तीन कोच वाली इस लाइट मेट्रो में एक समय में 300 यात्रियों को यात्रा करने की सुविधा होगी. इसका मुख्य लक्ष्य कम लागत में बेहतर और सुविधाजनक यातायात सुविधा प्रदान करना है.
जमीनी और एलिवेटेड ट्रैक्स
कुछ जगहों पर, जहां सड़क की चौड़ाई कम है, वहां लाइट मेट्रो को जमीनी स्तर पर चलाने की योजना है. इसके अलावा, एलिवेटेड ट्रैक्स का निर्माण किया जाएगा जहां जगह की कमी हो.
सुरक्षा और संरचना की गारंटी
लाइट मेट्रो के ट्रैक के दोनों किनारों पर सुरक्षा के लिए फेंसिंग की जाएगी. ओवरहेड ट्रैक्स के लिए केवल सवा दो मीटर जमीन की आवश्यकता होगी, जिससे भूमि का कुशल उपयोग सुनिश्चित हो सके.
स्टेशनों की आधुनिक सुविधाएं
लाइट मेट्रो स्टेशनों पर ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन गेट, एक्स-रे स्कैनर और प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स नहीं होंगे. किराए की सख्ती से निगरानी की जाएगी और अधिक जुर्माने का प्रावधान किया जाएगा.
गोरखपुर मेट्रो प्रोजेक्ट की विशेषताएं
गोरखपुर में दो एलिवेटेड मेट्रो लाइनें बनाई जाएंगी, जिनमें कुल 27 स्टेशन होंगे. इस प्रोजेक्ट के लिए 4,672 करोड़ रुपये का अनुमानित बजट तय किया गया है.
वित्तीय सहायता और भविष्य की योजनाएं
इस परियोजना के लिए जर्मन बैंक से 2,500 करोड़ रुपये की फंडिंग की मंजूरी मिल चुकी है और केंद्र सरकार से भी हरी झंडी का इंतजार है. डीपीआर को अंतिम मंजूरी मिलते ही गोरखपुर, प्रयागराज और मेरठ में लाइट मेट्रो का काम शुरू हो जाएगा.