Haryana Land Survey: ग्रेटर नोएडा के जिला प्रशासन ने हरियाणा सीमा से सटे फलैदा सहित पांच गांवों में जमीन के सर्वे के लिए पर्चियां बांटने की प्रक्रिया शुरू की है। मंगलवार को इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए 60 से अधिक किसानों को ये पर्चियां दी गईं। इस पहल से किसानों को उनकी जमीन के संबंध में स्पष्टता मिलेगी और वे अपनी जमीन का बेहतर उपयोग कर सकेंगे।
किसानों की आपत्तियां और निस्तारण प्रक्रिया
प्रशासन द्वारा पर्चियों पर किसानों से आपत्तियां मांगी गई हैं, ताकि किसी भी प्रकार की गलती सुधारी जा सके और जमीन संबंधित सभी विवादों को दूर किया जा सके। इस प्रक्रिया के माध्यम से गांव की खतौनी को शुद्ध किया जाएगा, जिससे किसान भविष्य में अपनी जमीन का उपयोग लोन लेने या बेचने में कर सकेंगे।
किसानों को उपलब्ध होने वाले लाभ
जिला प्रशासन की इस पहल से किसान न केवल अपनी जमीन को बेच सकेंगे बल्कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा सकेंगे। इससे उन्हें आर्थिक सहायता मिलेगी और उनका सामाजिक-आर्थिक स्तर भी सुधरेगा।
जमीनी विवादों का समाधान और प्रशासन की पहल
जिले के 32 गांव, जो हरियाणा की सीमा से लगते हैं, वहां लंबे समय से जमीन संबंधी विवाद चल रहे थे। भारत सरकार के आदेशानुसार, जिला प्रशासन ने सर्वे शुरू किया है ताकि इन विवादों का स्थायी समाधान निकाला जा सके।
भविष्य की दिशा में प्रगति
सर्वे विभाग ने फलैदा खादर, अमरपुर पलाका, सिकंदरपुर, सिरौली खादर, और चकशेखपुर गांव में सर्वे कार्य का प्रथम चरण शुरू किया है। इसके माध्यम से गांवों के नक्शे और जमीनी रिकॉर्ड्स को अपडेट किया जा रहा है, जिससे जमीनी मालिकाना हक में स्पष्टता आएगी और किसानों को उनके हक की पूरी जानकारी मिलेगी।