Public Holiday: 14 अप्रैल 2025 का दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज होगा जब देशभर में डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती को राजकीय अवकाश के तौर पर मनाया जाएगा. यह निर्णय मोदी सरकार द्वारा लिया गया है जिसे कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने 27 मार्च 2025 को एक ज्ञापन के माध्यम से सबके सामने रखा. यह कदम भारत के संविधान निर्माता और समाज सुधारक बाबासाहेब अंबेडकर के योगदान को एक सम्मानजनक तरीके से मान्यता देने का प्रयास है.
देशभर में अवकाश
इस अवकाश की घोषणा का अर्थ है कि 14 अप्रैल 2025 को, जो कि सोमवार के दिन पड़ेगा, सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालय, औद्योगिक प्रतिष्ठान और अन्य संबंधित इकाइयां बंद रहेंगी. इससे लोगों को न केवल बाबासाहेब की जयंती मनाने का मौका मिलेगा, बल्कि उनके विचारों को याद करने और उन पर चर्चा करने का भी अवसर मिलेगा.
संस्थानों में अवकाश
अवकाश की इस घोषणा को यूपीएससी, सीवीसी, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग सहित सभी महत्वपूर्ण संस्थानों में लागू किया गया है. इस अवकाश के दौरान, विभिन्न संगठन अंबेडकर के जीवन और उनके सिद्धांतों पर आधारित विभिन्न आयोजन, सेमिनार और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे.
समाज में जागरूकता और समानता को बढ़ावा
इस अवकाश का महत्व केवल एक छुट्टी के रूप में नहीं है, बल्कि यह समाज में जागरूकता, समानता, और एकता के मूल्यों को बढ़ावा देने का भी एक अवसर है. मोदी सरकार की इस पहल से डॉ. आंबेडकर के सपनों को साकार करने की दिशा में देश एक कदम और आगे बढ़ेगा.
इस ऐतिहासिक फैसले को लेकर देशभर में खुशी और समर्थन की लहर है. लोगों का मानना है कि इससे भारतीय समाज में और भी अधिक सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में प्रगति होगी. यह न केवल एक अवकाश के रूप में, बल्कि एक ऐतिहासिक क्षण के रूप में देखा जा रहा है, जिसे आने वाली पीढ़ियाँ याद रखेंगी.