Toll Plazza Distance: टोल प्लाजा पर टोल देने की राशि आपके यात्रा की दूरी और गंतव्य पर निर्भर करती है। हाल के वर्षों में भारत में कई नए हाईवे और एक्सप्रेसवे का निर्माण हुआ है जिससे टोल टैक्स में भी बढ़ोतरी हुई है। फिर भी, एनएचएआई के नियमों के अनुसार कुछ विशेष परिस्थितियों में वाहन चालक बिना टोल टैक्स दिए यात्रा कर सकते हैं।
टोल बूथ पर लंबी कतारों के लिए एनएचएआई के नियम
एनएचएआई के 2021 में निर्धारित नियमों के अनुसार, अगर टोल बूथ पर वाहनों की कतार 100 मीटर से अधिक लंबी हो जाती है, तो गाड़ियों को बिना भुगतान के जाने दिया जाता है। इस नियम को ‘100 मीटर क्यू रूल’ के नाम से जाना जाता है, और यह पीक आवर्स में भी लागू होता है जिससे यातायात में अवरोध न हो।
सड़क परिवहन मंत्रालय का 60 किलोमीटर नियम
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार, दो टोल प्लाजा के बीच की न्यूनतम दूरी 60 किलोमीटर होनी चाहिए। इस नियम का उद्देश्य वाहन चालकों पर अत्यधिक आर्थिक बोझ न डालना है। हालांकि, कुछ अपवादों में, जैसे ट्रैफिक जाम या भौगोलिक सीमाएँ, इस दूरी को कम किया जा सकता है।
रोड टैक्स और टोल टैक्स में अंतर
रोड टैक्स राज्य के अंदर की सड़कों के उपयोग के लिए वाहन चालक द्वारा दिया जाता है, जबकि टोल टैक्स विशेष रूप से हाईवे या एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने पर वसूला जाता है। टोल टैक्स का भुगतान सीधे उस हाईवे को बनाने वाली कंपनी या एनएचएआई को किया जाता है, जबकि रोड टैक्स से एकत्रित धन राज्य के सार्वजनिक परिवहन विभाग को जाता है।
इस तरह, टोल प्लाजा और उनके नियमों की बेहतर समझ से वाहन चालकों को यात्रा के दौरान अधिक सुविधा और आर्थिक राहत मिल सकती है। यह जानकारी न केवल उनके यात्रा को आसान बनाती है, बल्कि उन्हें अनावश्यक खर्च से भी बचाती है।