New Rules: 1 अप्रैल से म्यूचुअल फंड, GST, क्रेडिट कार्ड और पेंशन से जुड़े नियमों में बदलाव होने जा रहा है। नए नियमों का सीधा असर आम लोगों की वित्तीय योजनाओं पर पड़ेगा। जानिए कौन-कौन से बदलाव लागू होंगे और इनका आपके पैसे पर क्या असर होगा। नीचे पढ़ें पूरी डिटेल।
Contents
नए कारोबारी साल 2025-26 की शुरुआत के साथ कई वित्तीय नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। म्यूचुअल फंड, क्रेडिट कार्ड, GST और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) से जुड़े नए नियम लागू होंगे, जिनका असर आम निवेशकों और कारोबारियों पर पड़ेगा।
म्यूचुअल फंड्स में बदलाव
- न्यू फंड ऑफर्स (NFOs) की नई गाइडलाइन: SEBI ने NFO से जुटाए गए फंड्स को 30 बिजनेस डेज में डिप्लॉय करना अनिवार्य किया। डेडलाइन चूकने पर 30 दिन का एक्सटेंशन मिल सकता है, लेकिन 60 दिन बाद निवेशकों को पेनल्टी-फ्री एग्जिट का ऑप्शन देना होगा।
- स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड्स (SIFs): यह नया कैटेगरी म्यूचुअल फंड और PMS के बीच होगा, जिसमें कम से कम ₹10 लाख का निवेश अनिवार्य रहेगा।
- डिजिलॉकर इंटीग्रेशन: निवेशक अब अपने डीमैट और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स को डिजिटली स्टोर और एक्सेस कर सकेंगे।
GST नियमों में बदलाव
- 1 अप्रैल 2025 से 10 करोड़ रुपए या उससे अधिक के वार्षिक टर्नओवर वाले बिजनेस को 30 दिनों के अंदर ई-चालान अपलोड करना अनिवार्य होगा। पहले यह नियम सिर्फ 100 करोड़ टर्नओवर वालों पर लागू था।
क्रेडिट कार्ड नियमों में बदलाव
- SBI कार्ड:
- Swiggy पर 5X रिवॉर्ड पॉइंट (पहले 10X थे)।
- Myntra, BookMyShow और Apollo 24|7 पर 10X रिवॉर्ड जारी रहेगा।
- एयर इंडिया एसबीआई क्रेडिट कार्ड:
- Platinum वेरिएंट पर 5 पॉइंट्स (पहले 15 थे)।
- Signature वेरिएंट पर 10 पॉइंट्स (पहले 30 थे)।
- IDFC First बैंक:
- 31 मार्च 2025 से क्लब विस्तारा क्रेडिट कार्ड के माइलस्टोन बेनिफिट्स खत्म।
- महाराजा पॉइंट्स 31 मार्च 2026 तक अर्जित किए जा सकेंगे।
- Axis बैंक:
- 18 अप्रैल 2025 से विस्तारा क्रेडिट कार्ड के बेनिफिट्स में बदलाव।
- महाराजा क्लब मेंबरशिप और माइलस्टोन वाउचर खत्म।
- रेंट पेमेंट, वॉलेट लोड और यूटिलिटी बिल पेमेंट्स पर रिवॉर्ड पॉइंट्स नहीं मिलेंगे।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)
- 1 अप्रैल 2025 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लागू।
- 25 साल की सर्विस वाले कर्मचारियों को एवरेज बेसिक सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा।
नए नियमों का असर
ये बदलाव फाइनेंशियल ट्रांसपेरेंसी, निवेशकों की सुरक्षा और बेहतर कंप्लायंस के लिए किए गए हैं। निवेशकों और कारोबारियों को इन नए नियमों को ध्यान में रखकर फाइनेंशियल प्लानिंग करनी चाहिए।