Driving License : अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना पहले से ज्यादा मुश्किल हो गया है। सरकार ने इसके नियमों में बदलाव किए हैं, जिससे लाइसेंस प्रक्रिया सख्त हो गई है। अगर आप नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की सोच रहे हैं, तो इन नए नियमों को जानना जरूरी है।
आपको बता दें कि अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना और भी ज्यादा मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब नियमों में बदलाव भी किया जा रहा है। जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग लगातार नए बदलाव कर रहा है। साथ ही अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए मैन्युअल सुविधा को हटाकर कंप्यूटराइज्ड सिस्टम लाया जा रहा है।
नियमों में हुए ये बदलाव
जानकारी के मुताबिक, अब लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए पूरी प्रक्रिया फेसलेस कर दी गई है, यानी कि अब आप देश के किसी भी हिस्से में बैठकर अपना लर्निंग लाइसेंस बनवा सकते हैं।
इसके साथ ही आपको बता दें कि परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए जनपद के RTO ऑफिस जाना होता है। पहले जहां मैन्युअल रूप से कुछ सवालों के जवाब और फिजिकल टेस्ट होते थे वही इस प्रक्रिया को पूरी तरीके से कंप्यूटराइज्ड किया जा रहा है।
साथ ही ऐसा कहा जा रहा है कि मारुति कंपनी इंडिया लिमिटेड ने इस ट्रैक को पूरी तरह से ऑटोमेटेड किया है। कंपनी ने इसे सीएसआर फंड के तहत पूरी तरह से डिजिटल और ऑटोमेटेड बना दिया है, जिसमें अब किसी भी प्रकार का मैन्युअल इंटरफेस नहीं होगा। अब परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस पाने के लिए आवेदक को कुल 10 स्टेप्स पास करने होंगे।
जानकारी के मुताबिक, राजकीय आईटीआई परिसर में बनाए गए ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डीटीआई) में यह नया ट्रैक तैयार किया गया है, जहां अब मैन्युअल टेस्ट की कोई आवश्यकता नहीं होगी। ट्रैक पर कुल 19 कैमरे और सेंसर लगाए गए हैं और एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, आवेदक के वाहन पर बैठते ही उसके चेहरे की स्कैनिंग होगी और फिर सेंसर उसकी गतिविधियों को ट्रैक करेंगे। यदि गाड़ी ट्रैक के सफेद पट्टी पर टच करती है, तो आवेदक फेल हो जाएगा
मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने बताया कि ट्रैक पर काम लगभग पूरा हो चुका है, और विभागीय पोर्टल से जुड़ने के बाद नई प्रक्रिया के तहत टेस्ट शुरू हो जाएगा। आगे वह बताते हैं कि यह प्रक्रिया अगले 7 से 15 दिनों में पूरी तरह से लागू हो जाएगी