Dry Day Announced: दिल्ली सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रामनवमी और गुड फ्राइडे सहित कई महत्वपूर्ण धार्मिक त्योहारों पर शराब की दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया है। इस फैसले के अनुसार, पांच विशेष दिनों को ‘ड्राई डे’ के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें शराब की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी।
ड्राई डे के दिन और उनका महत्व
दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने जिन दिनों को ड्राई डे के रूप में चिन्हित किया है, उनमें रामनवमी (6 अप्रैल), महावीर जयंती (10 अप्रैल), गुड फ्राइडे (18 अप्रैल), बुद्ध पूर्णिमा (12 मई), और ईद-उल-जुहा (6 जून) शामिल हैं। ये दिन धार्मिक और सामाजिक संतुलन के प्रतीक हैं, और सरकार का मानना है कि इन दिनों शराब की बिक्री न करना उचित है।
आबकारी आयुक्त का निर्देश
आबकारी आयुक्त सनी सिंह ने जारी निर्देशों में कहा है कि ये ड्राई डे दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के नियम 52 के अनुसार घोषित किए गए हैं। उन्होंने सभी लाइसेंसधारियों को आदेश का पालन सुनिश्चित करने और अपने परिसरों में इसे स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने के लिए कहा है।
ड्राई डे की परिभाषा और इसका प्रभाव
ड्राई डे वो दिन होते हैं जब सरकार किसी विशेष त्यौहार या महत्वपूर्ण अवसर पर शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाती है। यह प्रथा विभिन्न राज्यों में विभिन्न दिनों पर लागू होती है, और इसका उद्देश्य समाज में शांति और सद्भाव सुनिश्चित करना है। दिल्ली में यह प्रक्रिया विशेष रूप से धार्मिक और राष्ट्रीय महत्व के दिनों पर लागू होती है।
ड्राई डे का ऐतिहासिक महत्व और नागरिकों पर इसका प्रभाव
ड्राई डे की प्रथा का इतिहास 1950 से शुरू होता है जब भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया था। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य धार्मिक और राष्ट्रीय भावनाओं का सम्मान करना और विशेष दिनों पर सामाजिक अनुशासन बनाए रखना है। इससे न केवल धार्मिक भावनाओं की रक्षा होती है बल्कि चुनाव के दौरान या किसी सामाजिक उत्सव पर व्यवस्था बनाए रखने में भी मदद मिलती है।