Haryana: हरियाणा सरकार ने जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सरल और डिजिटल बना दिया है। अब प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर रजिस्ट्री होगी, जिससे सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। आधार कार्ड को प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से लिंक करना अनिवार्य होगा, और रजिस्ट्री के दौरान खरीदार और विक्रेता का बयान वीडियो में रिकॉर्ड किया जाएगा। रजिस्ट्री फीस भी ऑनलाइन जमा होगी, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी। नीचे जानें पूरी डिटेल।
हरियाणा सरकार ने जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बड़ा परिवर्तन करते हुए पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन ले जाने का ऐलान किया है। अब प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए कागजी कार्यवाही की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी दस्तावेज़ डिजिटल फॉर्म में जमा किए जाएंगे और रजिस्ट्रार ऑफिस जाने की आवश्यकता खत्म हो जाएगी। इससे लोग बिना दफ्तर गए, घर बैठे, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे, जिससे समय और मेहनत दोनों की बचत होगी।
नई व्यवस्था के तहत प्रॉपर्टी रजिस्ट्री अब प्रॉपर्टी आईडी पर आधारित होगी। यह सुविधा पहले सोनीपत और करनाल जिलों में लागू की जाएगी, और भविष्य में इसे पूरे राज्य में लाया जाएगा। प्रॉपर्टी आईडी के माध्यम से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सरल और प्रभावी हो जाएगी, जिससे दस्तावेजों की सटीकता भी सुनिश्चित होगी।
इसके अतिरिक्त, अब प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड का लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने वाले व्यक्ति को अपना आधार कार्ड लिंक करवाना होगा और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन पूरा करने के बाद ही रजिस्ट्री ट्रांसफर की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। इससे धोखाधड़ी की संभावना कम होगी और सभी लेनदेन में पारदर्शिता बनी रहेगी।
रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान दोनों पक्षों – प्रॉपर्टी खरीदने वाले और बेचने वाले – का बयान वीडियो रिकॉर्डिंग के जरिए दर्ज किया जाएगा। ये रिकॉर्डिंग सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रखी जाएगी ताकि भविष्य में किसी भी विवाद की स्थिति में इसका सहारा लिया जा सके।
ऑनलाइन फीस जमा करने की व्यवस्था भी शुरू की गई है। डिजिटल पेमेंट गेटवे के माध्यम से लोग क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेटबैंकिंग या UPI का उपयोग कर फीस जमा कर सकेंगे, जिससे कैश लेनदेन की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।
इसके अलावा, राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों की मैपिंग के एक बड़े प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है, जिससे नामांतरण संबंधी प्रक्रियाएँ स्वचालित हो जाएंगी। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि पहले शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रजिस्ट्री के लिए अलग-अलग श्रेणियाँ निर्धारित की जाती थीं, जिससे कई समस्याएं उत्पन्न होती थीं। अब यह प्रावधान खत्म कर पूरे राज्य में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाया गया है।