EPFO : अगर आप पीएफ खाताधारक है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल एक ताजा अपडेट के मुताबिक आपको बता दें कि अब 25 हजार की बेसिक सैलरी (basic salary) वालों को रिटायरमेंट पर 69.87 लाख रुपये मिलेंगे… आइए नीचे खबर में समझ लेते है इसकी पूरी कैलकुलेशन-
निजी क्षेत्र में कार्यरत सैलरीड कर्मचारियों के लिए इम्प्लॉइड प्रोविडेंट फंड (EPF) एक बेहतरीन रिटायरमेंट बेनेफिट स्कीम है. संगठित क्षेत्र में, EPF अकाउंट में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं, जो कि बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते (DA) का 12-12 प्रतिशत होता है.
EPF पर हर साल सरकार द्वारा ब्याज दरें निर्धारित की जाती हैं, जिससे कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय एक अच्छा आर्थिक सहारा मिलता है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 8.1 फीसदी सालाना ब्याज तय की गई है. EPF एक ऐसा अकाउंट है, जिसमें रिटायरमेंट तक धीरे-धीरे बड़ा कॉपर्स बन जाता है.
₹25 हजार बेसिक सैलरी पर रिटायरमेंट फंड-
मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता (DA) 25,000 रुपये है. आपकी उम्र 30 साल है और रिटायरमेंट की उम्र 58 साल है.EPF Calculator के मुताबिक, अगर रिटायरमेंट (retirement) तक ईपीएफ पर सालाना ब्याज 8.1 प्रतिशत मिलता है. साथ ही हर साल औसत सैलरी ग्रोथ 10 प्रतिशत रहती है, तो रिटायरमेंट पर आपके पास संभावित 1.68 करोड़ का फंड बन सकता है. ईपीएफ स्कीम में 58 साल तक ही कंट्रीब्यूशन (contribution) कर सकते हैं.
EPF Calculation-
बेसिक सैलरी+DA= ₹25,000
मौजूदा उम्र= 30 साल
रिटारमेंट उम्र= 58 साल
इम्प्लॉई मंथली कंट्रीब्यूशन= 12 फीसदी
एम्प्लॉयर मंथली कंट्रीब्यूशन= 3.67 फीसदी
EPF पर ब्याज दर= 8.1 फीसदी सालाना
सालाना सैलरी ग्रोथ= 10 फीसदी
58 साल की उम्र में मैच्योरिटी फंड= 1.68 करोड़ (इम्प्लॉई कंट्रीब्यूशन 50.51 लाख और एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन 16.36 लाख रुपये रहा. कुल कंट्रीब्यूशन 69.87 लाख रुपये रहा.)
(नोट: कंट्रीब्यूशन के पूरे साल में सालाना ब्याज दर 8.1 फीसदी और सैलरी ग्रोथ 10 फीसदी ली गई है.)
एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन का 3.67% EPF में-
ईपीएफ अकाउंट (EPF Account) में कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12% योगदान होता है। इसमें से एम्प्लॉयर का 12% योगदान दो भागों में बांटा जाता है। एम्प्लॉयर (employeer) के योगदान का 8.33% कर्मचारियों के पेंशन अकाउंट में और 3.76% ईपीएफ में जमा होता है। जिन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी (basic salary) 15,000 रुपये से कम है, उनके लिए इस योजना से जुड़ना अनिवार्य है।
PF पर कैसे होती है ब्याज की कैलकुलेशन-
PF अकाउंट में हर महीने जमा पैसे यानी मंथली रनिंग बैलेंस (monthly running balance) के आधार पर ब्याज की गणना (PF Interest calculation) की जाती है. लेकिन, इसे साल के आखिर में जमा किया जाता है. EPFO के नियमों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की आखिरी तारीख को बैलेंस (balance) राशि में से सालभर में अगर कोई राशि निकाली गई है, तो उसे घटाकर 12 महीने का ब्याज निकाला जाता है. EPFO हमेशा खाते का ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस (closing balance) लेता है. इसका आकलन करने के लिए मासिक रनिंग बैलेंस को जोड़ा जाता है और ब्याज के रेट/1200 से गुणा कर दिया जाता है.