Jharkhand New Roads: बिहार में सड़क कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने की दिशा में सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। भागलपुर से हंसडीहा तक जुड़ने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 333ए (NH 333A) को अब 7 मीटर से बढ़ाकर 10 मीटर चौड़ा किया जाएगा। इस योजना के तहत बरबीघा से लेकर सिकंदरा, खैरा, जमुई, झाझा, सिमुलतला, कटोरिया, बांका, भेड़ामोड़ और पंजवारा तक लगभग 140 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण होगा। इसकी अनुमानित लागत 1400 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
बाइपास निर्माण पर भी विशेष ध्यान यात्रा में बचेगा समय
इस प्रोजेक्ट में 14.5 किलोमीटर लंबे बाइपास का निर्माण भी शामिल है, जिसमें बांका, कटोरिया, लखपुरा और पंजवारा प्रमुख स्थान हैं। बाइपास निर्माण पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। ये बाइपास इसीलिए जरूरी हैं क्योंकि इससे:
- शहरों के अंदर ट्रैफिक से बचा जा सकेगा
- लंबी दूरी तय करने वाले यात्रियों का समय बचेगा
- भारी वाहनों का ट्रैफिक नगर क्षेत्र में नहीं घुसेगा, जिससे सड़क सुरक्षा बढ़ेगी
इसके अलावा झाझा, शेखपुरा, जमुई, खैरा और सिमुलतला जैसे स्थानों में भी 850 करोड़ रुपये की लागत से अतिरिक्त बाइपास बनाए जाने की योजना है।
पांच मई को खुलेगी सड़क निर्माण की टेंडर प्रक्रिया
140 किलोमीटर लंबे इस एनएच के लिए सड़क निर्माण की टेंडर प्रक्रिया 5 मई को खोली जाएगी। यह प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ की जाएगी ताकि उचित कंपनी को कार्यभार सौंपा जा सके और निर्धारित समयसीमा में निर्माण कार्य पूर्ण हो।
फोरलेन परियोजनाओं के लिए डीपीआर में संशोधन की आवश्यकता
सिर्फ भागलपुर-हंसडीहा सड़क ही नहीं, बल्कि मुंगेर और देवघर को जोड़ने वाली फोरलेन सड़कों की भी योजना सरकार के एजेंडे में है। लेकिन फिलहाल इन दोनों सड़कों की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) को केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने सुधार के लिए लौटा दिया है।
इसकी प्रमुख वजहें हैं:
- DPR में 17 किलोमीटर का हिस्सा पहाड़ी क्षेत्र माना गया है
- मंत्रालय ने ट्रैफिक रिपोर्ट की भी मांग की है
- कुछ क्षेत्रों में वाइल्डलाइफ सेंचुरी जैसे संवेदनशील स्थानों से होकर गुजरने के कारण पर्यावरण से जुड़ी आपत्तियां भी हैं
मुंगेर-देवघर मार्ग भविष्य में फोरलेन का मजबूत विकल्प
मुंगेर जिले के बरियारपुर से लेकर देवघर तक जो एनएच सड़क प्रस्तावित है, वह 141 किलोमीटर लंबी है। इसके फोरलेन निर्माण पर लगभग 3500 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। महाराष्ट्र की एफपी इंडिया प्रोजेक्ट्स लिमिटेड कंसल्टेंसी एजेंसी ने इसके लिए DPR तैयार की है।
इस मार्ग में शामिल होंगे:
- खड़गपुर, गंगटा जंगल (भीमबांध वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी)
- गिधौर, सोनो, चकाई
- इन सभी स्थानों में नए बाइपास बनाए जाएंगे और इसके लिए 45 मीटर चौड़ी जमीन का अधिग्रहण भी किया जाएगा
झारखंड से सीधा संपर्क बाबाधाम यात्रा को भी मिलेगा लाभ
फोरलेन बनने से बिहार के लोगों को झारखंड के बाबाधाम (बाबा बैद्यनाथ धाम) जाने के लिए आसान और सुरक्षित सड़क मार्ग मिलेगा। इससे:
- धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
- स्थानीय व्यापार और आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी
- क्षेत्रीय विकास को नई दिशा मिलेगी
सरकार और मंत्रालय के बीच चल रही समीक्षा बैठकें
इस पूरे प्रोजेक्ट को गति देने के लिए बिहार सरकार और सड़क परिवहन मंत्रालय के बीच लगातार बैठकें और संवाद जारी हैं। हर तकनीकी, पर्यावरणीय और सामाजिक पहलू को ध्यान में रखते हुए DPR को फिर से संशोधित कर मंत्रालय को भेजा जाएगा।
सरकार का उद्देश्य है कि इन सड़कों का निर्माण कार्य:
- तेजी से शुरू हो
- स्थानीय लोगों को रोजगार मिले
- लंबी दूरी तय करने वाले यात्रियों को बेहतर सुविधा मिले
बिहार में बेहतर सड़कों से खुलेगा विकास का रास्ता
भागलपुर-हंसडीहा एनएच-333ए का चौड़ीकरण और फोरलेन का सपना जल्द साकार हो सकता है। इस योजना से न केवल बिहार और झारखंड के बीच सड़क संपर्क मजबूत होगा बल्कि राज्य की आंतरिक अर्थव्यवस्था, पर्यटन और यातायात व्यवस्था में भी सुधार आएगा।