Gold Rate : साल के शुरूआत से ही सोने के भाव रॉकेट की स्पीड से दौड़ रहे हैं। हर दिन सोने की कीमत नया रिकॉर्ड कायम करते जा रही है। बीते कुछ दिनों पहले ही एक्सपर्ट्स 1 लाख प्रति 10 ग्राम सोने के दाम होने का दावा कर रहे थे, जोकि आज 1 लाख रुपये तोले के पार जा पहुंचा है। ऐसे में अगर आप सोने में निवेश करने की सोच रहे हैं तो यह जरूर जान लें कि आने वाले दिनों में सोना महंगा होगा या सस्ता।
सोने की कीमतों ने लोगों को चौंका दिया है। अभी शादियों का सीजन शुरू भी नहीं हुआ है और सोने के रेट ने पहले रिकॉर्ड तोड़ने शुरू कर दिए हैं। देश की राजधानी दिल्ली के रिटेल मार्केट में सोने की कीमतें मंगलवार को पहली बार 1 लाख प्रति तोला के ऐतिहासिक हाई लेवल पहुंच गईं है।
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के अनुसार 24 कैरेट का सोना का भाव (Gold Rate Hike) आज यानी 22 अप्रैल को 1 लाख रुपये प्रति तोला हो गया है। वहीं, बीते दिन यानी सोमवार को सोने का रेट 96,670 रुपये प्रति 10 ग्राम था यानी आज एक ही दिन में 24 कैरेट का सोना में 3,330 रुपये प्रति 10 ग्राम की जबरदस्त तेजी आई है।
इसके अलावा चांदी की कीमतों (Silver Price) की बात करें तो आज 95,900 रुपये प्रति किलो पर कारोबार कर रही है। इधर, सोने के वायदा भाव में लगातार चौथे कारोबारी सेशन में मंगलवार को जबरदस्त तेजी दर्ज की गई है। सोने के कीमतों (Sona ka Bhav) में तेजी का कारण सुरक्षित निवेश की मांग भी है। इसी के चलते यह 1,899 रुपये महंगा होकर 99,178 रुपये प्रति 10 ग्राम के अब तक के हाई लेवल पर पहुंच गया था।
इसके अलावा, अक्टूबर अनुबंध ने एमसीएक्स (MCX Gold Rate) पर पहली बार एक लाख रुपये का आंकड़ा पार किया है, जो 2,000 रुपये यानी 2 प्रतिशत बढ़कर 1,00,484 रुपये प्रति 10 ग्राम के उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
इस वजह से महंगा हो रहा सोना –
1. पिछले कई दिनों से लगातार सरपट दौड़ रहे सोने के रेट (Gold Rate) के पीछे बाजार में वैश्विक अनिश्चितता का सबसे बड़ा हाथ है। इसका कारण ब्याज दरों में कटौती को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बीच नए सिरे से तनाव तथा अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर (trade war) का तेज होना है।
वर्तमान में अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान जैसे बड़े देशों की अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ रही है और इन देशों के बीच अभी भी ट्रैरिफ वॉर (trade war update) के बादल छाए हुए हैं। ऐसे में सुरक्षित निवेश के तौर पर निवेशक गोल्ड में इन्वेस्ट (gold invest) कर रहे हैं, जिसकी वजह से बाजार में सोने की मांग बढ़ी है और लगातार कीमतें नया रिकॉर्ड बनाती जा रही हैं।
2. डॉलर इंडेक्स में पिछले कई सालों से आ रही गिरावट के कारण निवेश सुरक्षित निवेश के रूप में सोने को प्राथमिकता दे रहे हैं। बता दें कि डॉलर के कमजोर होने पर अक्सर सोने की कीमत (Gold Rate Hike) तगड़ी बढ़ौतरी देखने को मिलती है। दरअसल, ऐसा इसलिए होता है कि सोने की कीमत डॉलर में होती है, जिससे अब मजबूत फॉरेन करेंसीज होल्डर्स के लिए यह सस्ता हो जाता है। मंगलवार को कॉमेक्स सोना 3,395 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस के लगभग कारोबार कर रहा था।
3. सोने (Gold Rate) बीते काफी दिनों से ही आए दिन लंबी छलांग लगा रहा है। इसके पीछे बड़ा कारण केंद्रीय बैंकों द्वारा तेजी से की जा रही सोने की खरीद भी है। आर्थिक संटक से निपटने की तैयारी के बीच बीते 3 सालों में दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने 1,000 टन से ज्यादा सोना खरीदा है।
टाटा एएमसी की रिपोर्ट के मुताबिक, सोने की सबसे ज्यादा डिमांड खासकर चीन, भारत और तुर्की जैसे उभरते बाजारों में है, जिनके पास अमेरिका, जर्मनी और फ्रांस जैसी अन्य बड़ी विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कम भंडार है। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 में केंद्रीय बैंक द्वारा औसतन 100 टन प्रति माह सोने (Gold Rate Hike) की खरीद रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्रीय बैंकों ने भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के जवाब में अपनी सोने की खरीद बढ़ा दी है।
4. अमेरिका, चीन, जर्मनी और जापान जैसे बड़े देशों के बीच चल रही ट्रेड वॉर के कारण निवेश सोने (gold investment) का सुरक्षित निवेश के रूप में देख रहे हैं, जिसकी वजह से बाजार में सोने की डिमांड बढ़ी है और कीमतें आसमान पर जा पहुंची है। यह कहना गलत नहीं होगा कि सोने की बढ़ती कीमतों (Sone Ka Bhav) में सुरक्षित निवेश भी अहम रोल निभा रहा है। दरअसल, बढ़ती मंदी की आशंकाओं, सुस्त विकास और लगातार ट्रेड वॉर टेंशन के बीच निवेशक सोने जैसी सुरक्षित-पनाह वाली संपत्तियों की तलाश में हैं।
5. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गोल्ड ईटीएफ निवेशकों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। यूबीएस के अनुमान के मुताबिक, साल 2025 में संस्थागत और रिटेल निवेशकों द्वारा वैकल्पिक और अधिक स्थिर परिसंपत्ति में निवेश की तलाश के कारण निवेश 450 मीट्रिक टन तक पहुंच जाएगा।
क्या अभी सोना खरीदना फायदा का सौदा –
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोने की कीमतें (Gold Rate Hike) अस्थिर रह सकती हैं, लेकिन छोटी अवधि में स्थिर रहेगी। यदि आप निवेश करना चाहते हैं, तो ज्यादातर एक्सपर्ट इन स्तरों पर शॉर्ट सेलिंग न करने की सला दे रहे हैं।
बता दें कि साल 2025 में अब तक सोना 26 प्रतिशत का रिटर्न दे चुका है यानी इस साल सोने में 20,800 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी आई है। हालांकि इसमें आई बढ़ौतरी के पीछे अनुकूल परिस्थितियां हैं, लेकिन एक्सपर्ट का कहना है कि सावधानी से आगे बढ़ना बुद्धिमानी है और कम प्रॉफिट की जगह आप बड़ा मुनाफा ले सकते हैं।
यदि आप अभी सोने में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो सोने में हल्की गिरावट (Gold rate) आने का इंतजार करें। एक्सपर्ट का कहना है कि आने वाले समय में सोने के रेट में गिरावट देखने को मिल सकती है। अगर आर्थिक अनिश्चितता से जुड़ी समस्याएं यानी ट्रेड वॉर और भू राजतीनिक तनाव के बादल छंट जाते हैं तो अचानक सोने की कीमतों (Sone Ka Bhav) में बड़ी गिरावट भी आ सकती है। इस स्थिति में सोने के रेट 2,850 डॉलर से 2700 डॉलर प्रति औंस तक आ सकती है।
एक्सपर्ट्स की राय –
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के जिंस के उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री का कहना है कि वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता और अमेरिका-चीन के बीच ट्रैरिफ पॉलिसी में लगातार हो रही खींच तान के चलते पहली बार सोने की कीमतें (Gold Rate Hike) अंतरराष्ट्रीय बाजारों में 3,500 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर के उपर जा पहुंची है और घरेलू बाजारों में भी 97,000 के रिकॉर्ड स्तार से उपर निकल गई हैं।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वीपी रिसर्च एनालिस्ट जतीन त्रिवेदी का कहना है किनए सप्ताह की शुरुआत में मजबूत खरीदारी के साथ सोने के भाव में रिकॉर्ड तोड़ तेजी देखने को मिली है। कई बड़े देशों के बीच चल रहे ट्रेड वॉर (trade war) और अमेरिकी आर्थिक दृष्टिकोण पर चिंताओं और आसन्न अमेरिकी ऋण संकट से सोने के भाव को स्पॉट मिला है। चीन, वैश्विक केंद्रीय बैंकों और संस्थागत निवेशकों की ओर से लगातार खरीदारी ने गति को बढ़ाया है।