इनकम टैक्स विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सभी सात इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म जारी कर दिए हैं। इनमें से ITR-1 और ITR-4 विशेष रूप से छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए बनाए गए हैं। इन नए फॉर्म्स का उद्देश्य टैक्स
इनकम टैक्स विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सभी सात इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म जारी कर दिए हैं। इनमें से ITR-1 और ITR-4 विशेष रूप से छोटे और मध्यम करदाताओं के लिए बनाए गए हैं। इन नए फॉर्म्स का उद्देश्य टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया को आसान और सुविधाजनक बनाना है।
ITR-1 और ITR-4 में प्रमुख बदलाव
ITR-1 और ITR-4 फॉर्म्स में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, विशेष रूप से सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों से होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) से संबंधित। पहले, जिन करदाताओं का LTCG एक वित्तीय वर्ष में ₹1.25 लाख तक होता था, उन्हें ITR-2 भरना पड़ता था। लेकिन नए नियमों के तहत, अब वे ITR-1 या ITR-4 का चयन कर सकते हैं, जिससे वेतनभोगी व्यक्तियों और अनुमानित कराधान योजना के तहत आने वाले करदाताओं के लिए यह प्रक्रिया सरल हो गई है।
LTCG पर टैक्स छूट
नए नियमों के अनुसार, सूचीबद्ध शेयरों और म्यूचुअल फंड की बिक्री से ₹1.25 लाख तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। हालांकि, इस सीमा से अधिक आय पर 12.5% टैक्स लागू होगा। यह बदलाव निवेशकों के लिए अधिक स्पष्टता और सरलता लाने के उद्देश्य से किया गया है।
कटौती और टीडीएस रिपोर्टिंग में बदलाव
नए ITR फॉर्म्स में धारा 80C, 80GG और अन्य श्रेणियों के तहत कटौती के दावे करने के तरीके में भी बदलाव किए गए हैं। अब करदाताओं को टीडीएस की जानकारी अधिक सुव्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत करनी होगी। यह खंडित रिपोर्टिंग त्रुटियों को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने में मदद करेगी।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि
बिना ऑडिट वाले करदाताओं के लिए ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2025 निर्धारित की गई है। फॉर्म्स की अधिसूचना जारी होते ही ई-फाइलिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जिससे करदाता आसानी से अपने रिटर्न दाखिल कर सकेंगे और अंतिम समय की परेशानी से बच सकेंगे।
फॉर्म अधिसूचना में देरी के कारण
इस वर्ष, इनकम टैक्स फॉर्म्स की अधिसूचना में कुछ देरी देखी गई क्योंकि राजस्व विभाग नए इनकम टैक्स बिल को तैयार करने में व्यस्त था, जिसे फरवरी 2025 में संसद में पेश किया गया था। आमतौर पर, ये फॉर्म्स फरवरी या मार्च में जारी किए जाते हैं, लेकिन इस बार अतिरिक्त कार्यभार के कारण इसमें विलंब हुआ।
ITR-1 और ITR-4 के लिए पात्रता
ITR-1 उन व्यक्तियों के लिए लागू होता है जिनकी वार्षिक आय ₹50 लाख तक है। इसमें वेतन, एक मकान, ब्याज आय और ₹5,000 तक की कृषि आय शामिल है।
वहीं, ITR-4 उन व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs) और अन्य के लिए है जिनकी आय ₹50 लाख तक है और वे व्यवसाय या पेशेवर आय प्राप्त करते हैं।
ITR-2 भरने की पात्रता
जिन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों की आय व्यवसाय या पेशेवर लाभ से नहीं होती, वे ITR-2 भर सकते हैं। यह फॉर्म उनके लिए उपयुक्त है जिनकी आय एक से अधिक मकानों, पूंजीगत लाभ और विदेशी संपत्तियों से होती है।
ये नए फॉर्म्स और सरल प्रक्रिया करदाताओं के लिए टैक्स फाइलिंग को और भी सुगम और पारदर्शी बनाएंगे, जिससे वे आसानी से अपने रिटर्न दाखिल कर सकें।