बेहतरीन क्रिकेटर ही नहीं दिखने में भी बेहद खूबसूरत हैं हरलीन देओल। देखें तस्वीरें…
कुछ समय से भारतीय महिला क्रिकेट टीम (Indian Women’s Cricket Team) की बल्लेबाज हरलीन देओल (Harleen Deol) का जिक्र काफी ज्यादा हो रहा है। जी हां इसकी वजह ये हैं कि उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ एक शानदार कैच लपक कर हर किसी को हैरान कर दिया था। बता दें कि हरलीन देओल (Harleen Deol) न सिर्फ एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं, बल्कि खूबसूरती के मामले में भी वो किसी बॉलीवुड एक्ट्रेस से कम नहीं हैं। वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अपनी तस्वीरें फैंस से अक्सर शेयर करती रहती हैं।

वहीं गौरतलब हो हरलीन देओल (Harleen Deol) ने 22 फरवरी 2019 को इंग्लैंड (England) के खिलाफ मुंबई (Mumbai) के वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium) में अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला था। जिसके बाद से लगातार वो भारतीय टीम का हिस्सा बनी हुई है। वहीं हरलीन देओल (Harleen Deol) को क्रिकेट की दुनिया की सबसे खूबसूरत खिलाड़ियों में शुमार किया जाता है। इंस्टाग्राम (Instagram) और अन्य सोशल मीडिया अकाउंट पर फैंस उनकी जमकर तारीफें करते हैं। आइए जानते हैं हरलीन देओल से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें…

बता दें कि हरलीन देओल ने महज 8 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। हरलीन देओल के बारे में यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि क्रिकेट में हरलीन की इतनी ज्यादा रुचि थी कि बचपन में वह लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थीं। जी हाँ क्रिकेट की दुनिया की ब्यूटी क्वीन हरलीन देओल के साथ आसपास कोई खेलने वाला नहीं था। इस कारण वह अपनी गली के लड़कों के साथ ही क्रिकेट खेलने लगी थीं।
गली क्रिकेट में उनके भाई ने भी उनका साथ दिया। वहीं जब वह 13 साल की हुईं तो उन्होंने हिमाचल से क्रिकेट के लिए प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था। हरलीन देओल अपने स्कूल टाइम में बेस्ट एथलीट रह चुकी हैं और क्रिकेट के अलावा हॉकी, फुटबॉल और बास्केटबॉल में भी उन्हें रुचि है।
गौरतलब हो कि पिछले महीने में जब हरलीन देओल ने भारत इंग्लैंड के बीच पहले टी-20 मैच के दौरान कैच पकड़ा तो वह क्रिकेट की दुनिया मे एकाएक सनसनी बनकर आई। बता दें कि पहले टी-20 मैच के दौरान जब इंग्लैंड की पारी का 19 वें ओवर चल रहा था। उसी दरमियान बाउंड्री लाइन पर फील्डिंग के समय हरलीन देओल ने यह कमाल करके दिखाया था।
बता दें कि एमी जोन्स (Ami Jones) ने शिखा पांडे की गेंद पर शानदार शॉट लगाया और एक पल को ऐसा लगा कि गेंद आसानी से बाउंड्री पार कर जाएगी। लेकिन बाउंड्री लाइन पर फील्डिंग कर रहीं हरलीन देओल ने हवा में छलांग लगाई और गोता लगाते हुए शानदार कैच लपक लिया। बाउंड्री रोप उनके बेहद करीब था। ऐसे में हरलीन ने गेंद को हवा में बाउंड्री के अंदर की ओर उछाला और खुद बाउंड्री के बाहर कूद गईं। हरलीन देओल की इस फील्डिंग को देखकर क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने इस कैच को साल का सबसे बेहतरीन कैच बताया।
सभी को मालूम हो कि यह एक ऐसा कैच था। जिसकी वज़ह हरलीन देओल ने सभी का दिल जीत लिया। वहीं इस कैच के बाद हरलीन देओल की तुलना कोई रविंद्र जडेजा, युवराज सिंह और मो. कैफ के साथ कर रहा है, तो कोई उन्हें ‘सुपर वुमन’ बता रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं यही हरलीन जब बचपन में लड़कों के साथ खेलती थीं, तो आस-पड़ोस के लोग उनके मां-बाप को ताने मारते थे। ऐसे लोगों से तंग आकर अपने खेल को निखारने के लिए मजबूरन उनको अपना शहर चंडीगढ़ छोड़कर हिमाचल प्रदेश में आकर बसना पड़ा था।
ता दें कि महिलाओं के प्रति हमारे समाज में लोगों का रवैया शुरू से ही दोहरा रहा है। महिला सशक्तिकरण की वकालत करने वाले हमारे ही समाज के लोग अपनी बहू-बेटियों को घर में ही रखना चाहते हैं। कई बार तो पढ़ा-लिखाकर भी नौकरी करने से मना कर देते हैं। घर में बेटी के पैदा होने के बाद से भेदभाव शुरू हो जाता है। बेटी है तो चुल्हे-चौके का काम भी सीखेगी, इस भावना के साथ उसके बड़ा होते ही शादी करके विदा करने की चिंता सताने लगती है। यदि किसी लड़की ने पितृसत्तात्मक समाज द्वारा बनाए गए सामाजिक नियमों को तोड़कर कुछ अलग करने की कोशिश की, तो कयामत आ जाती है। कुछ ऐसा ही हरलीन के साथ भी हुआ।

बहुत मुश्किलों भरा रहा है हरलीन देओल का सफर…

बता दें कि हरलीन कौर देओल का सफर बहुत मुश्किलों भरा रहा है। इस महिला खिलाड़ी ने अपना क्रिकेट करियर बनाने के लिए महज 13 साल की उम्र में अपने परिवार और शहर को छोड़ दिया था। चंडीगढ़ छोड़कर वो हिमाचल प्रदेश में आकर बस गई थीं। इतनी कम उम्र में अपने माता-पिता को छोड़कर एक नए शहर में जाकर बसना किसी के लिए भी आसान नहीं होता है, लेकिन हरलीन ने अपने सपनों को साकार करने के लिए इस चुनौती स्वीकार किया। सबसे पहले उन्होंने हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की अंडर-19 आवासीय अकादमी में अपना नाम दर्ज कराया। इसके बाद उन्होंने वहां जमकर मेहनत की थी। वो क्रिकेट के अलावा हॉकी, फुटबॉल, बास्केटबॉल भी खेलती रही हैं।
हरलीन की दादी गुरुदेव कौर और उनकी मां चरणजीत देओल हमेशा उनका सपोर्ट करती थीं। उनकी मां ने एक इंटरव्यू में बताया था कि हरलीन ने तीन साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। वह अपने भाई मनजोत सिंह देओल के साथ गली में क्रिकेट खेला करती थी। उनके साथ भाई के दोस्त भी खेला करते थे। लड़कों के साथ लड़की को खेलता हुआ देख आस-पास के लोग हरलीन और उनके परिजनों को ताने मारा करते थे। उनका कहना था कि एक लड़की को लड़कों के साथ नहीं खेलना चाहिए। यही वजह है कि अपने खेल को आगे बढ़ाने के लिए हरलीन को अपना परिवार और शहर छोड़ना पड़ा। ताकि अपनों के तानों से दूर रहकर वो खेल पर फोकस कर सकें।
खेल के साथ पढ़ाई में भी अव्वल रही हैं हरलीन देओल…

बता दें कि 21 जून 1998 में चंडीगढ़ में पैदा हुई 23 साल की हरलीन देओल खेल के साथ पढ़ाई में भी अव्वल रही हैं। हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में उन्होंने 80 फीसदी अंक हासिल किए थे। हिमाचल प्रदेश के लिए स्टेट और नेशनल लेवल पर 85 मेडल जीतने वाली ये खिलाड़ी स्कूल के समय में भी बेस्ट एथलीट रही है। दाएं हाथ की इस बल्लेबाज ने 22 फरवरी 2019 को इंग्लैंड के खिलाफ हुए एक दिवसीय मैच में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला था। महिला क्रिकेट टीम में पहली बार चुने जाने पर हरलीन ने कहा था कि, “मेरी दादी (गुरुदेव कौर) चाहती थीं कि मैं भारत के लिए खेलूं और अब मैं यहां हूं। मेरी मां (चरणजीत देओल) ने मेरे हर फैसले में सपोर्ट किया।”
हरलीन और सनी देओल के बीच क्या है कनेक्शन…

बता दें कि भारत के लिए खेलने वाली हरलीन देओल ने भले अभी तक कम मैच ही खेलें हैं, लेकिन उन्होंने अपने छोटे से करियर में टीम इंडिया में अहम जगह बना ली है। वहीं इंग्लैंड की खिलाड़ी एमी जोन्स का कैच झपटने के बाद उन्होंने जिस तरह गदर मचाया है, आने वाले वक्त में उन्हें क्रिकेट के हर फॉर्मेट में खेलते हुए देखा जा सकता है। वैसे ‘गदर’ से याद आया कुछ लोग हरलीन देओल को बॉलीवुड एक्टर सनी देओल और बॉबी देओल का रिश्तेदार समझ रहे हैं। ऐसे में उन लोगों को बता दें कि इन दोनों हस्तियों के बीच दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है।