Haryana New Districts: हरियाणा राज्य में नए जिलों के निर्माण को लेकर सरकारी प्रक्रिया तेज हो गई है. इस दिशा में बनी कैबिनेट सब-कमेटी ने लगभग सभी आवश्यक विचार-विमर्श और होमवर्क पूरा कर लिया है. सूत्रों के अनुसार अगले हफ्ते सब-कमेटी की अंतिम बैठक होनी है. जिसमें नए जिलों पर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी.
किन शहरों को मिल सकता है जिला बनने का दर्जा
सरकार को कैबिनेट सब-कमेटी के पास 5 नए जिलों के गठन की मांग मिली है. इन प्रस्तावित जिलों में हांसी, डबवाली, असंध, गोहाना और सफीदों के नाम शामिल हैं. इसके अलावा, मानेसर को भी एक अलग जिला बनाने की मांग की गई है. हालांकि मानेसर को लेकर पिछली बैठक में कुछ दस्तावेज अधूरे थे. जिस कारण उस पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका.
मानेसर का मामला अभी अधूरा
मानेसर जो कि तेजी से विकसित हो रहा औद्योगिक क्षेत्र है. मानेसर को नया जिला बनाने की मांग जोर पकड़ रही है. लेकिन पिछले बैठक में सब-कमेटी को इस संबंध में पूरी दस्तावेजी जानकारी नहीं मिल पाई थी. ऐसे में यह संभावना है कि अंतिम बैठक में इस प्रस्ताव पर फिर से विचार किया जाएगा.
सब-डिवीजन और तहसील पर भी चर्चा
सिर्फ जिले ही नहीं बल्कि हरियाणा में नए डिवीजन, सब-डिवीजन और तहसील बनाने को लेकर भी दर्जनों प्रस्ताव लंबित हैं. ये प्रस्ताव भी कैबिनेट सब-कमेटी के पास विचाराधीन हैं और आने वाली बैठक में इन पर भी निर्णायक फैसला लिया जा सकता है.
भाजपा संगठन ने भी जिलों की संख्या में किया इजाफा
हरियाणा भाजपा ने भी अपने संगठनात्मक ढांचे को और सुदृढ़ करने के लिए जिलों की संख्या में 5 का इजाफा किया है. भाजपा द्वारा गठित नए संगठनात्मक जिले हैं: हांसी, गोहाना, डबवाली, गुरुग्राम महानगर और बल्लभगढ़. इससे संकेत मिलता है कि ये क्षेत्र सरकारी जिलों के रूप में भी पहचान पा सकते हैं.
हांसी और डबवाली पहले से पुलिस जिले
गौरतलब है कि हांसी और डबवाली को पहले ही पुलिस जिले का दर्जा मिल चुका है. ऐसे में इनके राजस्व जिले बनने की संभावना और भी प्रबल मानी जा रही है. प्रशासनिक रूप से इन क्षेत्रों में सुविधाओं और सेवाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से जिला घोषित करना आवश्यक माना जा रहा है.
अंतिम रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री की हरी झंडी जरूरी
कैबिनेट सब-कमेटी की अंतिम रिपोर्ट तैयार हो जाने के बाद, यह रिपोर्ट हरियाणा के मुख्यमंत्री के पास भेजी जाएगी. यदि मुख्यमंत्री इसे मंजूरी देते हैं, तो राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसे अनुमोदन के लिए पेश किया जाएगा. इसके बाद ही नए जिलों के गठन की आधिकारिक अधिसूचना जारी की जाएगी.
क्या होंगे नए जिलों के बनने के फायदे?
नए जिले बनने से प्रशासनिक कामकाज में तेजी, आम लोगों की सुविधा में सुधार, और स्थानीय विकास योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन की उम्मीद जताई जा रही है. साथ ही, जनसंख्या और क्षेत्रफल के आधार पर जिले बनाने से प्रशासनिक दबाव कम होगा. खासकर तेजी से बढ़ते क्षेत्रों जैसे मानेसर या गुरुग्राम महानगर को अलग जिला बनाना विकास को नई दिशा दे सकता है.