RBI Action On Bank: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश के सभी बैंकों और एनबीएफसी पर निगरानी रखता है ताकि वे तय मानकों और नियमों के अनुरूप कार्य करें. इस दिशा में अब एक बार फिर RBI ने कठोर कार्रवाई करते हुए पश्चिम बंगाल के एक सहकारी बैंक पर भारी मौद्रिक दंड लगाया है.
इस बैंक पर लगा 2.10 लाख रुपये का जुर्माना
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड पर 2.10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. यह कार्रवाई बैंक द्वारा “अपने ग्राहक को जानें” (KYC) और क्रेडिट सूचना कंपनियों से संबंधित नियमों का सही तरीके से पालन न करने पर की गई है. RBI ने यह दंड बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 और क्रेडिट सूचना कंपनियों के विनियमन अधिनियम 2005 के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए लगाया.
नाबार्ड की जांच में सामने आई अनियमितता
RBI की इस कार्रवाई की शुरुआत तब हुई जब 31 मार्च 2024 को राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा बैंक की वित्तीय स्थिति की वैधानिक जांच की गई. इस निरीक्षण के दौरान यह सामने आया कि बैंक द्वारा महत्वपूर्ण नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया गया है.
कारण बताओ नोटिस और सुनवाई के बाद लिया गया निर्णय
नाबार्ड की रिपोर्ट के आधार पर RBI ने बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. बैंक की तरफ से भेजे गए लिखित जवाब और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान दिए गए मौखिक तर्कों पर विचार करने के बाद यह पाया गया कि आरोप सही हैं. इसके बाद 2.10 लाख रुपये का मौद्रिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया.
किन नियमों का उल्लंघन हुआ?
- खातों का जोखिम वर्गीकरण नहीं किया गया:
RBI के निर्देशों के अनुसार कम से कम हर 6 महीने में खातों की जोखिम श्रेणी की समीक्षा आवश्यक होती है। लेकिन बैंक इसमें विफल रहा. - KYC अपडेट नहीं किया गया:
बैंक अपने ग्राहकों का नियमित केवाईसी अपडेट कराने में असफल रहा, जो कि हर बैंक की अनिवार्य जिम्मेदारी है. - क्रेडिट जानकारी रिपोर्ट नहीं की गई:
बैंक ने अपने उधारकर्ताओं की क्रेडिट जानकारी को तीन मान्यता प्राप्त क्रेडिट सूचना कंपनियों को नहीं सौंपा, जो कि नियामकीय नियमों का सीधा उल्लंघन है.
कार्रवाई का उद्देश्य
RBI ने स्पष्ट किया है कि यह कार्यवाही केवल नियामकीय उल्लंघन के आधार पर की गई है. इसका उद्देश्य किसी भी ग्राहक या बैंक के बीच हुए लेनदेन या समझौते पर प्रभाव डालना नहीं है. इस कार्रवाई से संकेत मिलता है कि RBI बैंकों की जवाबदेही सुनिश्चित करने और ग्राहकों के हितों की रक्षा के प्रति गंभीर है.
क्यों जरूरी है केवाईसी और क्रेडिट रिपोर्टिंग?
KYC (Know Your Customer) का उद्देश्य ग्राहकों की सत्यापन प्रक्रिया को सुनिश्चित करना है ताकि मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी जैसे अपराधों को रोका जा सके. इसी तरह, क्रेडिट सूचना कंपनियों को उधारकर्ताओं की जानकारी साझा करना बैंकों के बीच साख जांच प्रणाली को मजबूत करता है. जिससे जोखिम का सही आकलन किया जा सके.