नीबू की खेती के जरिये भी किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है।उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिला अंतर्गत कचनावा गांव के रहने वाले किसान ने इसे सफलतापूर्वक कर दिखाया है।खेती में आने से पहले आनंद ने पंजाब और बिहार में एमएनसी के साथ 13 सालो तक काम किया।इस दौरान उन्होंने खेती करने का फैसला किया। 2016 के अंत तक उन्होंने खेती करने के लिए नौकरी छोड़ दी।
नीबू की खेती
आनंद मिश्र ने बताया की नीबू की खेती में कमाई के लिए इंतजार तो करना पड़ता है पर इससे उन्हें लम्बे समय तक लाभ होगा।इसके बाद उन्होंने आख़िरकार नीबू की खेती करने का फैसला किया।इसकी खेती आंध्र प्रदेश,गुजरात,महाराष्ट,कर्नाटक सहित राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है।उनका कहना है की उत्तर प्रदेश के किसानो के लिए एनीबू की खेती बिलकुल नई है।उनके जिले में एक भी किसान नीबू की खेती नहीं करता है।ऐसे में उन्होने नीबू की खेती शुरू की।
बन गए मेन ऑफ़ रायबरेली
उन्होंने दो एकड़ में नीबू की खेती की और आज वो सालाना नीबू की खेती से सात लाख रूपये तक की कमाई करते है।नीबू की खेती से वो पारंपरिक फसलों की तुलना में पांच गुना ज्यादा की कमाई कर रहे है।
मिश्रित खेती से लाभ
आनद कहते है की उन्होंने नीबू उगाने के लिए कम लागत और ज्यादा लाभ पाने का तरीका अपनाया और 400 नीबू के पेड़ो केबीच मोसंबी के 50 पौधे लगाए।मिटटी की उपजाऊ बनाने और कीटो के हमलो को नियंत्रित करने के लिए जैविक तरीको का प्रयोग करते है।मामूली फंगल और किट हमलो में गोमूत्र,गुड,लहसुन और मिर्च,लहसुन और मिर्च के पेस्ट का इस्तेमाल करके जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करते है।