Gold Gift Tax Rule: भारतीय समाज में शादी के मौके पर सोना देना एक पुरानी परंपरा है. खासतौर पर करीबी रिश्तेदार और मेहमान शादी के तोहफे के तौर पर गोल्ड ज्वैलरी या सिक्के देते हैं. जिसे शुभ और सुरक्षित निवेश माना जाता है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि गोल्ड गिफ्ट मिलने पर टैक्स देना पड़ सकता है और यह नियम Income Tax Act के अंतर्गत आता है.
गोल्ड को गिफ्ट में क्यों दिया जाता है?
सोना हमेशा से एक भरोसेमंद निवेश माना गया है. जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता होती है, तो निवेशक शेयर बाजार और अन्य विकल्पों से हटकर गोल्ड की ओर रुख करते हैं. यही कारण है कि गोल्ड को शादी, जन्मदिन या खास अवसरों पर गिफ्ट करना भी बढ़ा है. क्योंकि इसकी कीमत में आमतौर पर गिरावट नहीं आती.
टैक्स नियम कब देना होगा टैक्स?
यदि आपको किसी शादी या अन्य मौके पर गोल्ड गिफ्ट में मिलता है और उसकी कीमत 50,000 रुपये से ज्यादा है, तो यह ‘Income from Other Sources’ की श्रेणी में आ जाता है. ऐसे में आपको उस पर इनकम टैक्स देना पड़ सकता है
किन रिश्तेदारों से मिला गोल्ड टैक्स फ्री होता है?
इनकम टैक्स नियमों के अनुसार यदि गोल्ड किसी “निकट संबंधी” (Close Relative) से गिफ्ट में मिला है, तो आपको उस पर कोई टैक्स नहीं देना होता. इन रिश्तेदारों में शामिल हैं माता-पिता, भाई-बहन, सास-ससुर, दादा-दादी, नाना-नानी, जीवनसाथी (पति या पत्नी). इनके अलावा अन्य किसी व्यक्ति से यदि गिफ्ट में गोल्ड मिलता है और उसकी कीमत 50,000 रुपये से अधिक है, तो वह टैक्स के दायरे में आता है.
ICRA रिपोर्ट: गोल्ड डिमांड में दिखेगा इजाफा
ICRA की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2025-26 में गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड में 12 से 14 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि बढ़ती कीमतों के चलते लोग कम मात्रा में सोना खरीद रहे हैं. पहले जहां कोई व्यक्ति 20 ग्राम सोना खरीदता था. अब वही व्यक्ति केवल 10 ग्राम ही ले रहा है.
सोने के सिक्कों और बार की डिमांड में तेजी
ICRA रिपोर्ट में बताया गया है कि लोग अब ज्यादा मात्रा में गोल्ड कॉइन और बार खरीदने लगे हैं. वित्त वर्ष 2025-26 में गोल्ड बार और कॉइन की खरीदारी में 10% की वृद्धि हो सकती है. पिछले साल इसमें 25% की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. रिपोर्ट के अनुसार गोल्ड सेल में बार और कॉइन की हिस्सेदारी बढ़कर 35% तक पहुंचने की संभावना है.
अस्थिर वैश्विक माहौल में सोना निवेश का सुरक्षित विकल्प
वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के दौर में निवेशक एक बार फिर गोल्ड को सेफ हेवन के रूप में देख रहे हैं. शेयर बाजार में अनिश्चितता, मुद्रा के उतार-चढ़ाव और ब्याज दरों में बदलाव के कारण गोल्ड की ओर रुझान बढ़ रहा है. जिससे इसकी मांग बनी हुई है.
