इस लेख में आपको किचन गार्डन के बारे में पूरी जानकारी दी गई है, जिसमें किचन गार्डन कैसे बनाएं, किचन गार्डन क्या है और घर पर ताजी हरी सब्जियां कैसे उगाएं, इस बारे में टिप्स भी दिए गए हैं-
किचन गार्डन कैसे बनाएं?
आजकल बाजार में मिलने वाली प्रत्येक सब्जी और फल केमिकल की सहायता से उगाई हुई होती है। जो हमारे शरीर के लिए फायदे से ज्यादा नुकसानदायक होती है और यही कारण है, कि आज के समय में लोगों के बीच होम गार्डनिंग करने का चलन लगातार बढ़ता ही जा रहा है। घर पर ही सब्जियों और फल उगाने से वे बाहर मिलने वाली केमिकल युक्त सब्जियों से अपने आप को बचा सकते हैं।
आज हम भी आपकी होम गार्डनिंग के ज्ञान को और बढ़ाने के लिए आए हैं, क्योंकि इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप कैसे एक किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं, जिसमें आप अपनी सब्जियां और फल बिल्कुल प्राकृतिक तरीके से उगा सकते हैं। तो आईए जानते हैं, घर पर किचन गार्डन तैयार करने की महत्वपूर्ण जानकारी:
किचन गार्डन क्या होता है?
किचन गार्डन एक अच्छी तरह से तैयार किया हुआ छोटा सा बगीचा होता है। जिसमें सब्जियां, फल या कहें कि अपनी घरेलू जरूरतों के हिसाब से उगाई जाने वाली हर चीज उगाई जा सकती है। किचन गार्डन को आमतौर पर बालकनी, छत, घर के पीछे बनाया जाता है, लेकिन आप इसे किसी भी खाली जगह में बना सकते हैं और अपनी आवश्यकता के अनुसार अपनी पसंदीदा सब्जियां और फलों को बिना किसी केमिकल की सहायता से उगा सकते हैं।
सही स्थान का चयन करें
यदि आप किचन गार्डन विकसित करना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपनी बालकनी या छत का वह हिस्सा किचन गार्डन बनाने के लिए चयनित करें जहां धूप भरपूर मात्रा में आती हो। किसी भी पौधे के विकसित होने के लिए सूरज की किरणें बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसके अलावा हवा का आवागमन भी बना रहना चाहिए, इससे हर पौधे का विकास अच्छी तरह होगा।

गमलों को ऐसे करें तैयार
किचन गार्डन में पौधों का सही विकास करने के लिए, पौधों के अनुसार सही गमलों का चयन बहुत ही जरूरी है, लेकिन यदि गमले ज्यादा वजनी है तो आप बाजार में मिलने वाले एसबीपीई ग्रो बैग्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ग्रो बैग्स इस्तेमाल करने के कई फायदे हैं जैसे:
- -यह प्लास्टिक के बने होते हैं और वजन में बहुत ही हल्के होते हैं।
- -ग्रो बैग्स अधिक मजबूत होते हैं और लंबे समय तक चलते हैं।
- -पौधे के स्वभाव के अनुसार, ग्रो बैग्स अलग-अलग साइज में उपलब्ध होते हैं। यदि आप टमाटर, मिर्च या बैंगन जैसे छोटे पौधे लगा रहे हैं, तो आप 12*12 इंच का ग्रो बैग ले सकते हैं। यदि पालक या कोई और पत्तों वाला साग लगा रहे हैं, तो 24*8 इंच का ग्रो बैग ले सकते हैं, क्योंकि इन्हें कम गहरी और अधिक चौड़ी जगह की जरूरत होती है। ऐसे ही आप आप और बड़ी सब्जियां लगाने के लिए 18*18 इंच का ग्रो बैग भी ले सकते हैं। यह आपको सभी तरह की साइज में मिल जाएंगे।
यदि आप ग्रो बैग्स भी नहीं लेते, तो घर में पड़े पुराने ड्रम बाल्टियां या दूसरी खराब पड़ी चीजों का भी इस्तेमाल सब्जियां उगाने के लिए कर सकते हैं।
वहीं अगर आप किसी खाली प्लॉट में किचन गार्डन तैयार कर रहे हैं, तो वहां बड़ी क्यारियां बना लें।
मिट्टी को अच्छी तरह से तैयार करें
गमलों के चयन के बाद अब बारी आती है किचन गार्डन में सब्जियां उगाने के लिए मिट्टी की तैयारी करने की। सब्जियां उगाने के लिए मिट्टी का उपजाऊ होना बहुत जरूरी है, मिट्टी तैयार करने के लिए नीचे लिखी विधि का पालन करें:
- -50% साधारण मिट्टी में 50% गोबर की खाद, कंपोस्ट, कोकोपीट या सूखी पत्तियां डालकर मिश्रण बनाएं।
- -मिट्टी को धूप में सुखाकर अच्छी तरह से भुरभुरी बना लें। यदि मिट्टी बहुत कड़क है तो उसमें थोड़ी सी रेत भी मिलाई जा सकती है।
- -अब इस मिश्रण को गमले या ग्रो बैग्स में भर दें और थोड़ा पानी डाल दें।
- -दो दिन बाद ग्रो बैग और गमलों की मिट्टी को किसी औजार की मदद से उलट पलट कर दें। इसके बाद ही उसमें बीज लगाएं।
किचन गार्डन में किस तरह लगाएं बीज?
यदि आपको लगता है कि किचन गार्डन में बीज बोने के 20-25 दिन बाद ही आपको सब्जियां मिलने लगेगी, तो आप गलत सोचते हैं। किसी भी तरह की सब्जियां उगाने के लिए आपको कुछ समय इंतजार जरूर करना पड़ेगा। यदि आप कम जगह से ज्यादा उत्पादन लेना चाहते हैं, तो बीजों को खरीदते और बोते समय इन बातों का खास ध्यान रखें:
- -अपने किचन गार्डन में अच्छी क्वालिटी के हाइब्रिड सीड्स ही लगाएं। इससे आपको उत्पादन अधिक मिलेगा।
- -बीच से पौधे तैयार करने के लिए हमेशा अंकुरित बीजों को लगाना ही फायदेमंद होता है। इससे पौधे बड़ी आसानी से निकलते हैं।
- -ऐसे बीजों को लगाएं जिन्हें विकास के लिए कम जगह की जरूरत होती है।
- -सब्जी के देसी बीजों को लगाने से बचें, इनके पौधे तो अच्छी तरह विकसित होते हैं लेकिन उनमें सब्जियां बहुत ही कम लगते हैं।
- -बीज को बोते समय ही उसमें पानी डालने की गलती ना करें। सिर्फ मिट्टी में नमी बनाए रखें और तीन-चार दिन बाद जब बीज अंकुरित हो जाए, तब उसमें बहुत कम-कम लेकिन नियमित पानी डालें।
- -हरे साग जैसे पालक, मेथी, धनिया, पुदीना आदि ज्यादा लगाएं। इन्हें आप बार-बार तोड़कर इस्तेमाल कर सकते हैं।
- -शुरुआत में छोटे से किचन गार्डन से ही शुरू करें। एकदम से बहुत अधिक मात्रा में बीज लगाना नुकसानदायक हो सकता है।
किचन गार्डन में कौन सी खाद डालनी चाहिए?
किचन गार्डनिंग करते समय मिट्टी को उपजाऊ बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए किचन गार्डन की मिट्टी को समय-समय पर खाद की जरूरत पड़ती है। आप अपने गार्डन की मिट्टी में यह खाद डाल सकते हैं:
- -आपके किचन गार्डन के लिए, जैविक खाद जैसे वर्मीकंपोस्ट, चाय पत्ती की खाद सबसे उपयोगी होगी।
- -इसके अलावा आप किचन वेस्ट जैसे फल और सब्जी के छिलके आदि को खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
- -यदि आप अपने किचन गार्डन में रासायनिक उर्वरक उपयोग करना चाहते हैं, तो एनपीके उर्वरक का उपयोग कर सकते हैं।