किसान बेहद कम खर्च में देसी जुगाड़ का इस्तेमाल कर अपनी फसल को कीड़ों से बचा सकते हैं। तो आइए जानते हैं क्या है ये जुगाड़।
फसलों में कीटों की समस्या
ऐसा लग रहा है जैसे समय के साथ खेत में कीटों की समस्या बढ़ती जा रही है। दो-तीन दिन में कीट फसल को खा जाते हैं, पत्ते, फल, फूल सब कुछ नष्ट कर देते हैं। ऐसे में किसानों को बड़ा नुकसान होता है। उत्पादन घटता है और बीमारियां भी फैलती हैं। लेकिन किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर किसी भी तरह की फसल को कीट नुकसान पहुंचा रहे हैं तो आप समय रहते एक सस्ता जुगाड़ कर सकते हैं।
फिर खेत में रासायनिक दवा छिड़कने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ज्यादा खर्च भी नहीं होगा। पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा, न ही मिट्टी और न ही फसल को। तो आइए आपको बताते हैं इस देसी जुगाड़ के बारे में। जिसमें ₹30-35 के खर्च में खेत में कीटों को खत्म किया जा सकता है।
कीड़ों से छुटकारा पाने की तरकीब
किसानों को कीड़ों से छुटकारा पाने के लिए अधिक मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी। एक प्लास्टिक की बोतल ही कीड़ों से छुटकारा पाने की वजह बनेगी। दरअसल, पुरानी प्लास्टिक की बोतल में लियोर लगाया जाता है, इसे फेरोमोन ट्रैप कहते हैं। जिसे एक धागे के जरिए बोतल के अंदर लटका दिया जाता है। लियोर से एक गंध निकलती है जो कीड़ों को आकर्षित करती है। अगर आप बोतल के किनारे छेद कर देंगे तो कीड़े बोतल के अंदर चले जाएंगे, लेकिन दोबारा बाहर नहीं आ पाएंगे। इससे कुछ ही दिनों में खेत में मौजूद सभी कीड़े मर जाएंगे और अगर नए कीड़े आएंगे तो वे भी इसमें फंस जाएंगे, जिससे फसल को कोई नुकसान नहीं होगा।
कितना आएगा खर्चा
लागत की बात करें तो यह किसान द्वारा लगाई गई फसल के हिसाब से कम या ज्यादा हो सकती है। जानकारों का कहना है कि प्लास्टिक की बोतल की मदद से किसान लियोर यानी फेरोमोन ट्रैप का खर्च बचा सकते हैं। इससे कीमत आधे से भी कम हो जाएगी, अगर आप इसे बॉक्स के साथ खरीदते हैं तो इसकी कीमत 200 रुपये से अधिक होगी। लेकिन अगर आप प्लास्टिक की बोतल में लियोर लगाते हैं तो इसकी कीमत मात्र ₹30 से ₹35 है। जो कि बेहद कम है।
जिसमें मात्रा की बात करें तो किसान भाई एक एकड़ में 20 से 25 ट्रैप लगा सकते हैं तो इस हिसाब से 700 रुपए के खर्च में पूरी फसल बचाई जा सकती है। फसल पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता और न ही खेत की मिट्टी खराब होती है। क्योंकि कीटनाशकों के छिड़काव से रासायनिक दवा का असर अनाज पर भी पता पड़ता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।