Sarpanch Suspended: हरियाणा के सिरसा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां गांव मलड़ी की सरपंच मनप्रीत कौर पर फर्जी 10वीं पास सर्टिफिकेट के आधार पर चुनाव जीतने का आरोप साबित हुआ है. SDM कालांवाली की जांच में यह धोखाधड़ी सामने आई है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला उपायुक्त (DC) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए खंड विकास अधिकारी (BDO) को पंचायत का पूरा रिकॉर्ड कब्जे में लेने के आदेश दे दिए हैं.
जांच में फर्जी निकला शैक्षणिक प्रमाण पत्र
गांव मलड़ी की सरपंच मनप्रीत कौर ने 2022 के ग्राम पंचायत आम चुनाव के दौरान नामांकन भरते समय 10वीं पास होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था. लेकिन SDM कालांवाली द्वारा की गई जांच में यह प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया. इस रिपोर्ट के आधार पर अब प्रशासन ने पूरे मामले पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है.
DC ने BDO को दिए निर्देश
मंगलवार को सिरसा के DC द्वारा जारी आदेश पत्र में स्पष्ट निर्देश दिए गए कि सरपंच के पास मौजूद पंचायत रिकॉर्ड, नकद धनराशि, तथा चल-अचल संपत्तियों का विवरण तत्काल BDO द्वारा जब्त किया जाए. साथ ही बहुमत प्राप्त पंच को निर्देश दिए गए हैं कि वह पंचायत संचालन की प्रक्रिया में सहयोग करें और रिकॉर्ड उन्हें सौंपें.
बहुमत रखने वाले पंच को सौंपे जाएंगे पंचायत कार्य
सरपंच के खिलाफ कार्रवाई के बाद गांव के बहुमत प्राप्त पंच को पंचायत का संचालन सौंपने का निर्देश दिया गया है. इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गांव का प्रशासनिक कार्य प्रभावित न हो.
2022 के चुनावों में किया था नामांकन
गौरतलब है कि यह मामला ग्राम पंचायत चुनाव 2022 से जुड़ा हुआ है. जब मनप्रीत कौर ने नामांकन के साथ 10वीं पास प्रमाण पत्र जमा किया था. नियमों के अनुसार हरियाणा में सरपंच बनने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास होना जरूरी है. लेकिन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ने का मामला अब सामने आ चुका है.
फर्जीवाड़े पर सख्त रवैया अपना रहा प्रशासन
हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए गंभीर है. ऐसे में यदि कोई जनप्रतिनिधि फर्जी कागजातों के सहारे चुना जाता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई तय मानी जाती है. इस मामले में भी SDM की जांच रिपोर्ट और DC के आदेश से स्पष्ट हो गया है कि दोषी के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे.
क्या हो सकते हैं कानूनी परिणाम?
चुनावी नामांकन में फर्जी दस्तावेज देना एक दंडनीय अपराध है. इसके तहत संबंधित व्यक्ति पर धोखाधड़ी, जालसाजी और सरकारी प्रक्रिया को गुमराह करने के आरोप में एफआईआर दर्ज हो सकती है. इसके अलावा चुनी गई सरपंच की मान्यता समाप्त कर दी जा सकती है और भविष्य में चुनाव लड़ने से भी अयोग्य ठहराया जा सकता है.
ग्रामीणों में आक्रोश, पारदर्शिता की मांग
इस खुलासे के बाद गांव मलड़ी के ग्रामीणों में भी रोष देखा जा रहा है. कई लोगों ने मांग की है कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे से कोई भी व्यक्ति फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव न लड़ सके.