Haryana Renamed Villages 2025: हरियाणा सरकार ने प्रदेश के चार और गांवों के नाम बदलने का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. अब ये गांव अपने पुराने नामों की जगह नई और गरिमापूर्ण पहचान के साथ दस्तावेजों में दर्ज होंगे. जिन गांवों के नाम बदले गए हैं, उनमें सोनीपत के धनाना अलादादपुर का नाम अब शिवनगरी, मोहम्दाबाद का नाम प्रेमसुख नगर, यमुनानगर के बिलासपुर का नाम व्यासपुर और भिवानी के दुर्जनपुर का नाम सज्जनपुर रखा गया है.
नामों की असहजता से अब मिलेगा छुटकारा
इन गांवों के पुराने नाम कई बार असहज या अपमानजनक माने जाते थे. जिससे ग्रामीणों को सार्वजनिक रूप से अपना परिचय देने में हिचकिचाहट होती थी. लेकिन अब सरकार के इस निर्णय से ग्रामीण गर्व के साथ अपनी पहचान बता सकेंगे.
2015 में हुई थी शुरुआत
हरियाणा में गांवों के नाम बदलने की प्रक्रिया साल 2015 में शुरू हुई थी. इसकी प्रेरणा फतेहाबाद जिले की एक 12 वर्षीय छात्रा हरप्रीत कौर के उस पत्र से मिली, जो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा था. उस पत्र में उन्होंने बताया था कि उनके गांव का नाम ‘गंदा’ है और इस नाम को बताने में शर्म आती है. प्रधानमंत्री ने मामले को गंभीरता से लिया और राज्य सरकार को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए. इसके बाद हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गांव ‘गंदा’ का नाम बदलकर ‘अजीत नगर’ कर दिया.
मनोहर सरकार के कार्यकाल में बदले गए 18 गांवों के नाम
उसके बाद से हरियाणा में गांवों के नाम बदलने की एक निरंतर प्रक्रिया शुरू हुई. खट्टर सरकार के लगभग साढ़े नौ साल के कार्यकाल में कुल 18 गांवों के नाम बदले गए. इस परंपरा को नई सरकार ने भी आगे बढ़ाया और अब तक चार गांवों के नाम बदले जा चुके हैं.
10 वर्षों में बदले गए 22 गांवों के नाम
पिछले दस वर्षों में हरियाणा के 13 जिलों में कुल 22 गांवों के नामों में बदलाव किया गया है. इनमें सबसे ज्यादा जींद जिले में 4 गांवों के नाम बदले गए. यमुनानगर में 3, और हिसार, सोनीपत, करनाल, गुरुग्राम में 2-2 गांवों के नाम बदले गए. इसके अलावा, भिवानी, महेंद्रगढ़, रोहतक, रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, सिरसा और फतेहाबाद में 1-1 गांव का नाम बदला गया.
जानें किन गांवों के नाम बदले गए
पुराना नाम | नया नाम | जिला |
---|---|---|
पिंडारी | पांडु पिंडारा | जींद |
टोडी खेड़ी | सरना खेड़ी | जींद |
गंदा खेड़ा | गुरुकुल खेड़ा | जींद |
चुहड़पुर | चांदपुर | जींद |
किन्नर | गैबी नगर | हिसार |
कुतिया खेड़ी | वीरपुर | हिसार |
बाल रंगदान | बाल राजपुतान | करनाल |
लंढौरा | जयरामपुर | करनाल |
खिजराबाद | प्रताप नगर | यमुनानगर |
मुस्तफाबाद | सरस्वती नगर | यमुनानगर |
मोहम्मदहेड़ी | ब्रह्मपुरी | गुरुग्राम |
गुड़गांव | गुरुग्राम | गुरुग्राम |
चमगेहड़ा | देव नगर | महेंद्रगढ़ |
गढ़ी सांपला | सर छोटू राम नगर | रोहतक |
लूला अहीर | कृष्ण नगर | रेवाड़ी |
अमीन | अभिमन्युपुर | कुरुक्षेत्र |
सांघर सरिता | बाबा भूमण शाह | सिरसा |
गंदा | अजीत नगर | फतेहाबाद |
नाम बदलने की प्रक्रिया
किसी भी गांव का नाम बदलने के लिए ग्राम पंचायत को पहले प्रस्ताव पास करना होता है. प्रस्ताव में नाम बदलने का कारण स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाना चाहिए. फिर यह प्रस्ताव खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (BDPO) के जरिए जिला उपायुक्त (DC) तक भेजा जाता है. उपायुक्त चाहें तो विशेष कमेटी बनाकर रिपोर्ट भी मंगा सकते हैं. अंतिम निर्णय राजस्व निदेशालय और राज्य सरकार द्वारा लिया जाता है और नोटिफिकेशन जारी किया जाता है.
गांवों की पहचान में बदलाव से ग्रामीणों को आत्मसम्मान
राज्य सरकार के इस फैसले से उन गांवों को नई सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान मिली है, जो पहले अपने नामों के कारण उपहास का केंद्र बनते थे. अब ग्रामीण अपनी पहचान के साथ गर्व महसूस कर सकते हैं और युवाओं को भी आत्मबल मिलेगा.