UPI New Rule 2025: यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) से डिजिटल लेन-देन करने वालों के लिए राहत की खबर है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई प्रणाली में अहम बदलाव करते हुए ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक और फेल ट्रांजैक्शन रिवर्सल के लिए रिस्पॉन्स टाइम को 30 सेकंड से घटाकर 10 सेकंड कर दिया है.
UPI यूजर्स को मिलेगा तेज और बेहतर अनुभव
यह नया नियम 17 जून 2025 से प्रभावी हो गया है. इसके तहत वैलिडेट एड्रेस (Pay, Collect) API के लिए भी रिस्पॉन्स टाइम को 15 सेकंड से घटाकर 10 सेकंड कर दिया गया है. इस बदलाव का उद्देश्य UPI ट्रांजैक्शन को और अधिक रीयल-टाइम और निर्बाध बनाना है.
गूगल पे, फोनपे, पेटीएम को होगा सीधा फायदा
इस फैसले से रिमिटर बैंक, बेनिफिशियरी बैंक, और फोनपे, पेटीएम, गूगल पे जैसे पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (PSP) सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे. अब यूजर्स को फेल ट्रांजैक्शन रिवर्स करने या पेमेंट स्टेटस जांचने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. पहले जहां यूजर को 30 सेकंड तक इंतजार करना होता था. अब यह काम मात्र 10 सेकंड में निपट जाएगा.
NPCI ने जारी किया नया सर्कुलर
NPCI ने अपने सर्कुलर में स्पष्ट किया कि UPI सिस्टम को अधिक दक्ष और यूजर-फ्रेंडली बनाने के लिए ये बदलाव अनिवार्य हैं. सभी संबंधित मेंबर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने सिस्टम को इस रिवाइज्ड रिस्पॉन्स टाइम के अनुसार अपडेट करें ताकि किसी तरह की तकनीकी दिक्कत न आए.
बैंकों को दी गई अहम जिम्मेदारी
NPCI ने यह भी कहा कि यदि किसी मेंबर बैंक की प्रणाली में कोई पार्टनर या मर्चेंट आधारित निर्भरता है, तो उन्हें भी इस बदलाव के अनुसार अपने सिस्टम में जरूरी कॉन्फ़िगरेशन चेंज करने होंगे. इसका उद्देश्य पूरे UPI नेटवर्क को एक समान गति और जवाबदेही के साथ संचालित करना है.
अगस्त 2025 में होंगे और भी बड़े बदलाव
NPCI ने 21 मई 2025 को जारी एक अन्य सर्कुलर में यह भी संकेत दिया है कि अगस्त से और बड़े बदलाव लागू होंगे. नए निर्देशों के तहत:
- PSP बैंकों और अधिग्रहण करने वाले बैंकों को सुनिश्चित करना होगा कि हर API रिक्वेस्ट सही उपयोग के तहत मॉनिटर और मॉडरेट हो.
- बैलेंस इंक्वायरी, लिस्ट अकाउंट और ऑटोपे मैंडेट एग्जिक्यूशन जैसे कार्यों में भी तकनीकी सुधार लागू किए जाएंगे.
UPI सिस्टम को और मजबूत बनाने की कवायद
भारत में UPI डिजिटल पेमेंट्स की रीढ़ की हड्डी बन चुका है. इसके माध्यम से हर महीने अरबों ट्रांजैक्शन हो रहे हैं. ऐसे में NPCI द्वारा किया गया यह बदलाव टेक्नोलॉजी, यूजर सुविधा और ट्रांजैक्शन विश्वसनीयता के लिहाज से बेहद जरूरी कदम है.