आज मैं आपको दो दोस्तों से मिलाते है। इनके नाम है विवेक गुप्ता और अभी हंजूरा । देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम की उनकी सफलता की कहानी मिशाल है। दोनों ने ‘लिशियस’ नाम की कंपनी खोलने के लिए अपनी मलाईदार कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी। यह कंपनी ‘रेडी टू कुक’ ‘रेडी टू ईट ‘प्रोडक्ट्स के अलावा फ्रेश मीट और सी फूड बेचती है। इनकी कैटेगरी में जोरदार डिमांड है।
विवेक गुप्ता 21 साल की उम्र उम्र में चार्टर्ड अकाउंट बन गए थे
विवेक गुप्ता 21 साल की उम्र उम्र में चार्टर्ड अकाउंट बन गए थे इसके बाद चंडीगढ़ से बेंगलुरु चले आए गए थे। उन्होंने एडवेंचर कैपिटल फॉर्म की फाइनेंसियल टीम में लगभग 10 साल बिताये। इसी तरह अभी हंजूरा ने 2004 में बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई के लिए जम्मू से बेंगलुरु चले गए थे। दोनों पहली बार अपनी अपनी कंपनियों के प्रतिनिधियों के रूप में मिले। फिर उन्हें अपना कुछ करने का जुनून एहसास हुआ।
जुलाई 2015 में जब लीशियस की शुरुआत हुई तो पहले सालमें सालाना टर्नओवर 3 करोड़ रुपए था। इस शानदार रेस्पोंस से उत्साहित होकर विवेक और अभय कम्पनी का विकास करते रहे। 2021 में लीशियस ने मीट और सीफूड इंडस्ट्री के डायरेक्टर टू कंज्यूमर सेगमेंट पर पहला भारतीय यूनिकॉर्न बनकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की।
12180 करोड रुपए तक पहुंच गया
Tracxn रिपोर्ट के अनुसार , 2023 में इसका वैल्यूएशन 1.46 अरब डॉलर यानी लगभग 12180 करोड रुपए तक पहुंच गया। बेंगलुरु में अपने मुख्यालय से शुरुआत करके लीशियश ने तेजी से पूरे भारत में अपनी उपस्थिति का विस्तार किया है। कंपनी हैदराबाद ,दिल्ली ,एनसीआर ,मुंबई ,चेन्नई ,पुणे और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों में काम करती है। अपनी मजबूत सप्लाई chain और कोल्ड चैनइंफ्रास्ट्रक्चर का फायदा उठा कर लीशियश यह सुनिश्चित करते हैं कि इन शहरों में ग्राहकों को उनके तुरंत ऑर्डर तुरंत सर्वोत्तम संभव स्थिति में प्राप्त हो।
सी फूड इंडस्ट्री की भविष्य का आकार देने के लिए तैयार है
लीशियस वैश्विक विस्तार के अवसर भी तलाश रही है । इसका लक्ष्य अपने फार्म-टू-फोर्क मॉडल और गुणवत्ता वाले उत्पादों की दुनिया भर के ग्राहकों तक पहुंचाना है। लगातार लीशियस मीट और सी फूड इंडस्ट्री की भविष्य का आकार देने के लिए तैयार है।