Railway Platform Yellow Stripe: भारत में ट्रेन यात्रा सबसे अधिक पसंद की जाने वाली और किफायती यात्रा सुविधा है. रोज़ाना लाखों लोग रेलवे प्लेटफॉर्म से सफर शुरू करते हैं. लेकिन जब आप कभी किसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर खड़े होते हैं, तो एक चीज़ पर आपने जरूर ध्यान दिया होगा — पीले रंग की एक लंबी पट्टी जो प्लेटफॉर्म की सीधी किनारे के पास बनी होती है. पर क्या आपने कभी यह सोचा है कि यह पीली पट्टी क्यों बनाई जाती है? क्या यह सिर्फ सजावट है या फिर इसका कोई खास सुरक्षा उद्देश्य है? आइए जानते हैं इसके पीछे की पूरी सच्चाई.
यात्रियों की सुरक्षा का संकेत है पीली पट्टी
रेलवे प्लेटफॉर्म पर बनी यह पीली पट्टी यात्रियों को चेतावनी देने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाई जाती है. जब ट्रेन स्टेशन पर आती है या जाती है, तो यह पट्टी यह बताने का काम करती है कि इसके आगे जाना बेहद खतरनाक हो सकता है. रेलवे द्वारा बनाए गए सुरक्षा मानकों के अनुसार यह पट्टी यात्रियों को बताती है कि वे उससे आगे न जाएं और प्लेटफॉर्म की सुरक्षित दूरी पर ही खड़े रहें.
ट्रेन की रफ्तार और हवा का दबाव बना सकता है खतरा
जब कोई ट्रेन प्लेटफॉर्म पर तेज़ रफ्तार से गुजरती है, तो उससे उत्पन्न होने वाला हवा का दबाव या वेक्यूम यात्रियों को खींच सकता है. जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है. पीली पट्टी इस खतरे से बचाने में एक चेतावनी रेखा की तरह काम करती है. इसलिए रेलवे बार-बार यात्रियों से अपील करता है कि वे पीली पट्टी के पीछे ही खड़े रहें और ट्रेन के पूरी तरह रुकने के बाद ही चढ़ने या उतरने का प्रयास करें.
दृष्टिहीन या कम दृष्टि वाले यात्रियों के लिए बेहद उपयोगी
रेलवे प्लेटफॉर्म की यह उभरी हुई पीली पट्टी (टैक्टाइल इंडिकेटर) दृष्टिहीन या कमजोर दृष्टि वाले यात्रियों के लिए सहायक संकेत होती है. इसे टैक्टाइल पेवमेंट इंडिकेटर भी कहा जाता है जो पैरों के नीचे महसूस की जा सकती है. इसका मकसद यह होता है कि जो यात्री देख नहीं सकते. वे भी इसे महसूस कर यह जान सकें कि आगे जाना सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं है.
हर स्टेशन पर होती है यह अनिवार्य व्यवस्था
भारतीय रेलवे के दिशा-निर्देशों के अनुसार देश के हर छोटे-बड़े स्टेशन पर यह पीली पट्टी लगाना अनिवार्य है. यह रेलवे की यात्री सुरक्षा नीति का एक अहम हिस्सा है. यहां तक कि नए बनने वाले या नवीनीकरण हो रहे स्टेशनों पर भी इसे प्राथमिकता के साथ बनाया जाता है.
रेलवे सुरक्षा नियमों का हिस्सा है ये पट्टी
यह पीली पट्टी केवल एक रंगीन निशान नहीं. बल्कि एक जीवन रक्षक चेतावनी प्रणाली है. यह दर्शाती है कि रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है. कई बार जल्दबाज़ी में यात्री प्लेटफॉर्म के बहुत नज़दीक चले जाते हैं. जिससे हादसे की संभावना बढ़ जाती है. यह पट्टी ऐसे जोखिम से बचाने का काम करती है.
जानिए कैसे करें इसका पालन
जब भी आप रेलवे प्लेटफॉर्म पर हों, तो इन सुरक्षा नियमों का जरूर पालन करें:
- मोबाइल पर ध्यान देने के बजाय अपने चारों ओर सतर्क रहें.
- पीली पट्टी के पार न जाएं, खासकर तब जब ट्रेन स्टेशन पर आ रही हो या प्लेटफॉर्म से गुजर रही हो.
- ट्रेन पूरी तरह रुकने के बाद ही चढ़ने-उतरने की कोशिश करें.
- अपने साथ बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें.
