EPFO New Rules : सैलरीड पर्सन को हर माह वेतन तो मिलता ही है, इसके साथ ही अगर सैलरी से उसका पीएफ (PF rules 2025) भी कटता है तो और भी कई फायदे उसे मिलते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि अधिकतर नौकरीपेशा लोग भी पीएफ (PF ke Fayde) से मिलने वाले इन 7 फायदों के बारे में नहीं जानते। अगर आपका भी सैलरी से हर महीने पीएफ कटता है तो इन फायदों को फटाफट नोट कर लें।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से हर कर्मचारी का हर महीने पीएफ (PF account ke fayde) जमा किया जाता है। यह कर्मचारी की सैलरी से ही कंट्रीब्यूट किया जाता है।
इसके बाद इस जमा पीएफ राशि पर 7 बड़े फायदे EPFO (employees provident fund organisation) की ओर से दिए जाते हैं। बहुत से लोग इन फायदों से अनजान हैं। हर नौकरीपेशा व्यक्ति को इन फायदों (PF Benefits) को जान लेना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर वे भी इन फायदों का लाभ ले सकें।
1. नियम अनुसार मिलती है पेंशन-
पीएफ में कर्मचारी का पैसा इंप्लॉई प्रॉविडेंट फंड (EPF) और इंप्लॉई पेंशन स्कीम (EPS) के रूप में कटता है। पीएफ सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा होता है जो कर्मचारी (Employees PF rules) की सैलरी से ही काटा जाता है, इसके अलावा 12 फीसदी कंपनी की ओर से दिया जाता है।
कंपनी की ओर से दिए जाने वाले हिस्से से ही पेंशन (EPFO pension rules) का पैसा कटता है। पेंशन की पात्रता के लिए 10 साल की कम से कम सर्विस होनी जरूरी है। 58 साल की उम्र के बाद पेंशन ली जा सकती है। इसकी मिनिमम पेंशन (minimum pension in EPFO) राशि 1,000 रुपये होती है। नौकरी छोड़ने पर भी 50 साल की उम्र से पहले यह पैसा नहीं निकाला जा सकता।
2. नॉमिनेशन की सुविधा-
EPFO की ओर से अब (Employees Provident Fund organisation) हर कर्मचारी के लिए अपने पीएफ खाते का नोमिनेशन चुनना जरूरी किया गया है। ईपीएफओ (EPFO rules 2025) की ओर से नॉमिनी चुनने के लिए अपडेट भी जारी किए जाते हैं। कर्मचारी अपने परिवार के सदस्य को या किसी अन्य को अपने EPF अकाउंट में नॉमिनी (EPFO nominee rules) चुन सकता है। इसके बाद कर्मचारी की मौत के बाद नॉमिनी को पीएफ की राशि मिलती है।
3. VPF में किया जा सकता है निवेश-
EPFO की ओर से VPF (Voluntary Provident Fund) में निवेश करने की सुविधा भी कर्मचारियों को दी गई है। कर्मचारी के पास यह विकल्प रहता है कि वह और अधिक राशि जमा करना चाहे तो बेसिक सैलरी से VPF में निवेश (VPF rules) कर सकता है। कर्मचारियों को यह सुविधा EPF से अलग मिलती है।
4. PF खाते से पैसे निकालने की सुविधा –
कर्मचारी अपने ईपीएफ खाते (EPF account rules) से जरूरत पड़ने पर कुछ लिमिट तक पैसे भी निकाल सकता है, हालांकि इसके लिए विशेष नियम (PF withdrawal rules) भी होते हैं। कर्मचारी अपने भाई-बहन की शादी या बच्चों की शादी और शिक्षा के लिए अपने पीएफ (how to withdrawal PF) खाते से पैसे निकाल सकता है। जब यह ईपीएफ खाता 7 साल पुराना हो जाता है तो 50 फीसदी पैसे निकाले जा सकते हैं। पीएफ खाते से इलाज व घर बनवाने के लिए भी पैसे निकाले जा सकते हैं।
5. कंपाउंड इंटरेस्ट का मिलता है फायदा –
किसी कर्मचारी का EPF अकाउंट (EPF account benefits) है तो उसे पीएफ खाते में जमा पैसों पर हर साल कंपाउंड इंटरेस्ट (interest on PF) यानी ब्याज का भी ब्याज मिलता है। इसे सामान्य रूप से चक्रवृद्धि ब्याज के रूप में समझा जा सकता है। EPF में जमा रकम पर 8.15 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्याज मिलता है। EPS कॉर्प्स (Employees pension scheme) में जितना फंड कर्मचारी का जमा होता है, उतना ही मिलता है।
6. लाइफ इंश्योरेंस का फायदा-
EDLI (Employees Deposit Linked Insurance) इपीएफओ की ऐसी योजना है जो किसी कर्मचारी की काम के दौरान मृत्यु होने पर उसके परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस बीमा योजना (insurance scheme in PF) के तहत कर्मचारी के नॉमिनी को अधिकतम 7 लाख रुपये तक की मदद की जाती है। इसके लिए किसी अतिरिक्त योगदान की जरूरत नहीं होती। क्योंकि नियोक्ता की ओर से बेसिक वेतन (basic salary) और महंगाई भत्ते का 0.5 प्रतिशत योगदान पहले ही किया जाता है।
7. पूरी पीएफ राशि लेने का नियम-
कर्मचारी अगर कुछ माह या साल बाद ही बीच में नौकरी छोड़ देता है तो वह पूरी पीएफ (PF account new rules) राशि भी निकाल सकता है। EPF का पूरा पैसा नौकरी छोड़ने के दो महीनों बाद निकाला जा सकता है। नौकरी बदले जाने पर पीएफ के पैसे को नई नौकरी हासिल करने के बाद अपने नए पीएफ खाते में ट्रांसफर (PF transfer rules) करवाया जा सकता है।