Heavy Rain Alert :देशभर में 29 जून से मानूसन का आगमन हो चुका है। ऐसे में कई जगहों पर तेज बारिश देखने को मिल रही है। इस बीच कई क्षेत्रों में तो बाढ़ जैसी स्थिति भी बनी हुई है। हालांकि मानूसन के आगम से लोगों को गर्मी से राहत जरूर मिली है। वहीं, आज मौसम विभाग की ओर से ताजा वेदर अपडेट जारी किया गया है। भारत मौसम विभाग की ओर से बताए गए वेदर अपडेट में बताया गया है कि आने वाले समय में देशभर में मौसम कैसा रहने वाला है।
भारत मौसम विभाग की ओर से आज लेटेस्ट वेदर अपडेट जारी किया गया है। आईएमडी की ओर से आज यानी बुधवार को उत्तराखंड, हरियाणा व राजस्थान राज्य में तेज बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है।
इस दौरान मध्य प्रदेश में भी पिछले कई दिनों से लगातार बारिश जारी है। वहीं, बीते समय हुई बारिश से दिल्ली में भी तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
मानसून ने दिलाई गर्मी से राहत
जुलाई महीने की शुरुआत के साथ ही पूरे देश में मौसम परिवर्तन हुआ है। वहीं, उमस भरी गर्मी के बाद से देशभर में मानसून (Heavy Rain Alert) के आने से लोगों को गर्मी से राहत मिलने लगी है।
अगर हम देश के अलग-अलग हिस्सों की बात करें तो भारत के उत्तर, पश्चिम व मध्य क्षेत्रों में हो रही बारिश लोगों के लिए गर्मी से राहत लेकर आ रही है। भारत मौसम विभाग (IMD) की ओर से जारी किए गए वेदर अपडेट के अनुसार आगामी कुछ दिनों तक बारिश का यह दौर जारी रहने वाला है।
दिल्लीवासियों को गर्मी से मिली राहत
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली व एनसीआर में सुबह से ही बादल छाए हुए हैं। इस दौरान कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश (Heavy Rain Alert) भी देखने को मिली है। ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
अगर हम आज यानी बुधवार के अधिकतम तापमान की बात करें तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अधिकत तामपमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने का अनुमान है। वहीं, इस दौरान हवा में नमी भी बनी हुई है।
हालांकि बूंदाबांदी होने के चलते गर्मी में कमी जरूर हुई है। इसी के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) भी संतोषजनक श्रेणी में बना हुआ है।
एमपी में मानूसन ने पकड़ी रफ्तार
वर्तमान में मध्य प्रदेश में मानसून (Heavy Rain Alert) पूरी तरह से एक्टिव हो गया है। इस दौरान राजधानी भोपाल समेत इंदौर, उज्जैन, जबलपुर जैसे शहरों में पिछली रात से ही बारिश का सिलसिला रुक-रुककर जारी है।
पंचमढ़ी में इस दौरान न्यूनतम तापमान 15.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। ऐसे में यह क्षेत्र प्रदेश में सबसे ज्यादा ठंडा दर्ज किया गया है।
भारत मौसम विभाग की ओर से नीमच, आष्टा, अलीराजपुर समेत 27 जिलों में इस दौरान येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, कुछ निचले क्षेत्रों में तेज बारिश के चलते जलभराव होने की भी खबरें मिली हैं।
पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन का अलर्ट
भारत मौसम विभाग ने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पहाड़ी क्षेत्रों में लैंडस्लाइड होने की चेतावनी जारी की है। मानसून की यह बारिश (Heavy Rain Alert) उत्तराखंड में राहत के साथ-साथ खतरा भी लेकर आई है।
आईएमडी की ओर से इस दौरान देहरादून, नैनीताल, बागेश्वर व टिहरी जैसे क्षेत्रों में तेज बारिश को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं, इस दौरान रुद्रप्रयाग व यमुनोत्री मार्ग पर लैंडस्लाइड की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत मौसम विभाग की ओर से इस दौरान लोगों को सर्तक रहने की सलाह दी गई है।
हरियाणा के 17 जिलों में बारिश का अलर्ट
29 जुलाई से ही पूरे हरियाणा में भी मानसून का आगमन हो चुका है। वहीं, अब मानसून (Heavy Rain Alert) का असर हरियाणा में दिखाई देने लगा है। भारत मौसम विभाग की ओर से करनाल, यमुनानगर, अंबाला, पानीपत, सोनीपत समेत 17 जिलों में भारी बारिश के आसार के चलते अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं, इस दौरान तापमान में भी 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में लोगों को उमस भरी गर्मी से और लू से काफी राहत मिली है। ऐसे में भारत मौसम विभाग की ओर से बिजली गिरने और तेज हवा चलने की संभावना जताई गई है। साथ ही विभाग ने इनके मध्यनजर चेतावनी भी जारी की है।
राजस्थान में मानसून की बेहतरीन शुरुआत
भारत मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक इस बार राजस्थान में मानसून (Heavy Rain Alert) की बेहतरीन शुरुआत दर्ज की गई है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में अबतक 128 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है।
वहीं, भारत मौसम विभाग की ओर से आगामी तीन दिनों तक जयपुर, अजमेर, अलवर, भरतपुर, कोटा समेत कई जिलों में भारी बारिश होने के आसार जताए गए हैं।
विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अकेले चुरू में ही पिछले 24 घंटे 85.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। ऐसे में प्रदेश के 90 से अधिक बांध तकरीबन भर चुके हैं। हालांकि इससे उन क्षेत्रों के लोगों को फायदा हुआ है जहां जलसंकट का सामना करना पड़ रहा था।