पॉली हाउस/नेट हाउस में किसान टमाटर, केचा टमाटर, 5 रंगों वाली शिमला मिर्च, बीज रहित खीरा व बैंगन और हरी कड़वी मिर्च की जुलाई और अगस्त में वैज्ञानिक विधि से किसान पौध तैयार कर सकते हैं।
डॉ. सुरेश कुमार अरोड़ा, सब्जी सलाहकार महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल ने बताया कि 15 से 31 अगस्त के बीच में रोपाई करने से सब्जियों की फसल को अगेता लिया जा सकता है। किसान बीज रहित खीरे की पौध तैयार कराकर 15 से 31 अगस्त तक सीधी बिजाई के रूप में कर सकते हैं, जिससे पौधरोपण विधि की तुलना में 15 से 20 दिन पहले पौधों पर फल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं।
काले रंग की प्लास्टिक की ट्रे का प्रयोग करें
पौध तैयार करने के लिए काले रंग की प्लास्टिक की 11×9 कटोरियों से बनी थाली होती है। इनमें एक बीज एक कटोरी में बोने के बाद मिश्रण से ढक दिया जाता है। यह मिश्रण तीन प्रकार के पदार्थों को मिलाकर बनाया जाता है, जिनमें नारियल का बुरादा, परलाइट और वर्मीकोलाइट होते हैं इनकी मात्रा का अनुपात आयतन के आधार पर 3:1:1 होता है। इस मिश्रण का अनुपात 3:2:2 के हिसाब से रखते हैं, जिसके कारण बीज का फुटाव/जमाव जल्दी होता है। 30 से 35 दिनों में सब्जियों की पौध तैयार हो जाती है।
ये हैं किस्में : शिमला मिर्चः नेटा ऑरेंज व मिलीना, पीली शिमला मिर्च की बचाटा, एनएस 281, औरोविले, कामोश आदि संतरी किस्में हैं, जबकि हरे रंग की शिमला मिर्च की इंदिरा, आशा, पसरेला, पालाडीन, कावेरी आदि।
बीज रहित खीराः सनस्टार, किंग स्टार, ईमिल स्टार, मल्टीस्टार, फाल्कोन स्टार, कैप्टन स्टार और हिल्टन आदि प्रचलित शंकर प्रजातियां हैं।
हरी कड़वी मिर्चः वीरजी, साहिबा
, सीएच 27, सोल्जर, एन एस 1701 और आरमोर आदि तीखी किस्में हैं जिनकी मार्केट में काफी डिमांड है।
टमाटरः एनएस 4266, हिमसोना, टॉलस्टॉय, एनएस 4190 आदि साधारण टमाटर की शंकर प्रजातियां शामिल हैं। कंचा टमाटर की रोजा, शीजा आदि हैं।