इंश्योरेंस चाह कार हो या आदमी का बेचते समय कंपनियां बड़े-बड़े वादे और दावे करते हैं लेकिन जब क्लेम की बात आती है तो उनका पूरा जोर कोई ना कोई meen मेख निकाल कर उसे खारिज करने पर रहता है। ज्यादातर क्लेम इसलिए ख़ारिज हो जाते है की ग्राहकों को इसका सही तरीका पता नहीं होता आज हम आपके इंश्योरेंस क्लेम करने का सही तरीका बताएंगे ताकि आपका क्लेम आगे कभी खारिज न और किसी हादसे में टूट फूट का पूरा पैसा बीमा कंपनी से मिल जायेगा।
कंपनियां ऐसे किसी भी क्लेम को स्वीकार नहीं करते है जिसका उल्लेख पॉलिसी में नहीं किया जाता
कार का इंश्योरेंस करते समय पहले सबसे पहले आपको यही ध्यान रखना होगा किसी सभी से जरूरी सेवाओं को शामिल किया जाए। दूसरा यह कि आपके पास जो पॉलिसी है उसके नियम और शर्तो के अलावा दी गई सुविधा और सेवाओं के बारे में क्लियर जानकारी रखना जरूरी है। पॉलिसी में क्या कवर है और क्या नहीं क्लेम पर कितना पैसा है आपके हिस्से में आएगा जैसे फीचर जानना बहुत जरूरी है। कंपनियां ऐसे किसी भी क्लेम को स्वीकार नहीं करते है जिसका उल्लेख पॉलिसी में नहीं किया जाता
कार इंश्योरेंस का क्लेम लेने में बहुत जरूरी होता है। ज्यादातर पॉलिसी में साफ लिखा जाता है किसी हादसे के तत्काल बाद क्लेम करना जरूरी है। अगर आपने समय सही समय से ज्यादा टाइम लगाया तो कंपनी के लिए रिजेक्ट कर सकती है। समय पर क्लेम करने से आपको टाइम पर पैसा भी मिल जाएगा और पैसे से जल्दी पूरा हो जाएगा। बहुत सारे क्लेम इसलिए भी खारिज करते हैं क्योंकि उसमे यूजर या तो गलत जानकारी भर देते हैं या अधूरी जानकारी देकर क्लेम करते हैं। इसमें दुर्घटना की वास्तविक स्थिति हादसे में और नुकसान और बिमा धारक की पर्सनल डिटेल बहुत जरूरी होती है।
आपकी क्लेम में जितने एक्यूरेसी रहेगी उसकी मंजूर होने के चांसेस कुछ नहीं ज्यादा रहेंगे।
नशे में हुआ था तो क्लेम नहीं मिलेगा
बीमा कंपनी साफ़ कहती हैं कि आप शराब या ड्रग्स के नशे में में गाड़ी चला रहे हो हादसा हो जाता है तो नियमो का कड़ा उललंघन होगा इसके बिना पर भी कंपनी आपको क्लेम देने से मना कर सकती इतना ही नहीं ऐसा कुछ सही पाए जाने पर परिवहन विभाग उल्टा आपके ऊपर भारी जुर्माना ठोक सकता है।
मॉडिफाई से हो सकता है नुकशान
आजकल बहुत से युवा गाड़ी निकलते ही उसे मोडिफिकेशन करके डिजाइन बनाने में लग जाते है। बीमा कंपनियों का साफ कहना है की ऐसा कोई भी मोडिफिकेशन बिना पूर्व सूचना और अनुमति नहीं किया जा सकता। अगर ऐसा होता तो दुर्घटना के बाद क्लेम खारिज किया जा सकता है। कंपनियों का मानना है कि कार कंपनी की ओर से एक स्टैंडर्ड वाहन बनाने के बाद आप मोडिफिकेशन कर जोखिम पैदा कर सकते हैं जो हादसे कासबब बन सकता है। क्योंकि पॉलिसी में कार के मूल मॉडल को ही बीमित त किया गया है लिहाजा उसके मोडिफिकेशन पर क्लेम नहीं मिलेगा।