ITR : टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर. दरअसल आपको बता दें कि इस साल इनकम टैक्स रिटर्न के रिफंड आने में देरी हो सकती है. हालांकि, देर से रिफंड (refund) मिलने की स्थिति में आपको अपने पैसों पर अधिक ब्याज मिल सकता है… आइए नीचे खबर में जान लेते है कि आखिर देरी की पीछे कारण क्या है…
इस साल इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 है. पिछले साल यह तारीख 31 जुलाई थी. इनकम टैक्स स्लैब के दायरे में आने वाले सभी लोगों के लिए ITR भरना अनिवार्य है. यदि आप भी इस दायरे में आते हैं और आपने अभी तक अपना रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो इसे जल्द से जल्द भर लें.
ITR रिफंड में हो सकती है देरी-
इस साल इनकम टैक्स रिफंड मिलने में देरी हो सकती है क्योंकि विभाग इस बार फाइल की गई सभी जानकारियों की बारीकी से जांच कर रहा है. इसका मतलब है कि आपके रिफंड को प्रोसेस होने में सामान्य से अधिक समय लग सकता है. हालांकि, देर से रिफंड मिलने की स्थिति में आपको अपने पैसों पर अधिक ब्याज मिल सकता है.
इनकम टैक्स विभाग द्वारा इस बात की जांच की जा रही है कि टैक्स पेयर्स ने कौन सा फॉर्म भरा है. ITR-2 या ITR-3 फार्म की तुलना में ITR-1 या ITR-4 जैसे फॉर्म आमतौर पर कम समय में प्रोसेस हो जाते हैं. इसके अलावा अधिक रिफंड क्लेम की स्थिति में विभाग द्वारा सख्ती से चेकिंग की जा रही है.
रिफंड देरी होने पर मिलेगा ज्यादा ब्याज-
आयकर अधिनियम की धारा 244A के तहत, यदि कर वापसी (refund) में देरी होती है, तो सरकार 0.5 प्रतिशत प्रति माह की दर से ब्याज देती है. यह ब्याज उस तिथि से गिना जाता है जब रिटर्न दाखिल किया गया था या मूल्यांकन वर्ष समाप्त हुआ था. हालांकि, यह ब्याज केवल तभी देय होता है जब वापसी की राशि कुल कर के 10% से अधिक हो.
आपको बता दें कि अभी तक 75 लाख से अधिक टैक्स पेयर्स (taxpayers) ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (Income Tax Return File) कर दिया है. वहीं अभी तक करीब 71.1 लाख रिटर्न – ई-वेरीफाई किए जा चुके हैं.