wheat flour price : गेहूं के दामों के बाद अब आटे के भाव आसमान छू रहे हैं। फिलहाल ये 10 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। इससे आम उपभोक्ताओं का बजट प्रभावित हुआ है और आटे के बढ़ते रेट (wheat flour rate hike) के कारण अब रोटी महंगी पड़ रही है। आइये जानते हैं कहां कितने हो गए हैं गेहूं आटे के भाव।
कुछ दिन पहले ही यह संभावना जताई गई थी कि अगर गेहूं के दाम बेलगाम हुए तो इससे बनने वाले सभी खाद्य पदार्थ महंगे हो जाएंगे और खासकर गेहूं के आटे के दामों (wheat flour rate 12 july) पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।
अब ठीक वही हो रहा है, आटे के दाम सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं। यह अपने 10 साल के सबसे उच्च लेवल पर ट्रेंड कर रहे हैं। बाजार से लोगों को आटा खरीदकर रोटी खाना अब बहुत महंगा पड़ रहा है। आने वाले समय में आटे के रेट (wheat flour price) की क्या स्थिति रहेगी, जानिये इस खबर में।
इस कारण बढ़े आटे के भाव-
इस समय गेहूं के रेट MSP 2425 रुपये प्रति क्विंटल से काफी ऊपर चल रहे हैं। इस कारण आटे के रेट (aate ka rate) भी बढ़ गए हैं। गेहूं के आटे के भाव में उछाल के बाद इससे बनने वाले खाद्य पदार्थ जैसे बिस्किट, ब्रेड आदि भी महंगे हो रहे हैं। गेहूं के बढ़ते भाव (wheat rate hike) पर रोकथाम के लिए सरकार ने भी कई प्रयास किए लेकिन गेहूं का भाव (gehu ka bhav) घटने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है। इस कारण गेहूं के आटे व इससे बनने वाले खाद्य पदार्थ महंगे हो रहे हैं।
इतना हो गया 1 किलो आटे का रेट –
आटे का भाव (wheat flour rate today) अब 45 से 50 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। यह 2015 के बाद आटे का सबसे हाई रेट है। ऐसे में खाद्य महंगाई पर भी लगाम लगती नहीं दिख रही है। आम उपभोक्ताओं को तो इससे झटका ही लगा है। दूसरी ओर गेहूं के दामों (wheat rate today) पर भी लगाम न लगना आटा खरीदकर रोटी का जुगाड़ करने वालों को भारी पड़ रहा है।
कम नहीं हो रहे गेहूं के भाव –
गेहूं का भाव कम होगा तो ही आटे के रेट (wheat flour rate) गिर सकते हैं, लेकिन गेहूं के दाम घटने के बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं। गेहूं की बढ़ती कीमतों पर सरकार नियंत्रण नहीं पा सकी है। इस समय गेहूं के भाव (wheat rate 12 july) अधिकतर राज्यों में 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक जा पहुंचे हैं। हालांकि सरकार भारतीय खाद्य निगम के जरिए बाजार में गेहूं बेच रही है, लेकिन गेहूं के दाम फिर भी कम नहीं हो रहे हैं।
आने वाले समय में यह रहेगी स्थिति –
आगामी कुछ माह में त्योहारी सीजन शुरू हो जाएगा। ऐसे में गेहूं के दाम (gehu ka bhav) और बढ़ सकते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार गेहूं के दाम बढ़ते ही आटे का रेट भी और हाई हो जाएगा। ऐसे में लोगों को सस्ते रेट में आटा मिलने के कम ही आसार हैं। इस समय किसानों ने गेहूं को स्टॉक (wheat stock limit) करना शुरू कर दिया है। इस कारण बाजार में आपूर्ति का दबाव बनने से गेहूं के दाम (gehu ke daam) कम होने की उम्मीद नहीं है।
किसान करने लगे गेहूं को स्टॉक-
आटे के महंगे होते रेट से तभी राहत मिल सकती है जब किसान गेहूं को स्टॉक करने के बजाय जो भाव मिल रहा है उस पर इसकी बिक्री करें। ऐसा होने के चांस भी कम हैं, क्योंकि वे गेहूं के रेट (wheat rate update) बढ़ने की उम्मीद में इसे स्टॉक कर रहे हैं। इसलिए गेहूं व आटे के दाम (wheat flour price) और बढ़ने की संभावना है।