Wheat Rate Today : गेहूं के दामों में अचानक तगड़ी गिरावट आई है। इसके दाम 2000 रुपये प्रति क्विंटल से भी नीचे हो गए हैं। कुछ दिन पहले ही गेहूं के भाव (wheat rate fall) में उछाल देखा जा रहा था, लेकिन एकदम से गेहूं के भाव (wheat rate 11 july 2025) में आई बड़ी गिरावट ने हर किसी को चौंका दिया है। रेट गिरने का असर गेहूं की बिक्री पर भी पड़ा है। चलिये खबर में जानते हैं कहां कितने हो गए हैं गेहूं के दाम।
गेहूं के भाव जुलाई माह में अब तक कई बार अप डाउन हो चुके हैं। कभी इनका रेट हाईलेवल के आंकड़े को छूता दिखाई दिया है तो कभी अचानक औंधे मुंह जमीन पर गिरे हैं। गेहूं के भाव (wheat price update) में लगातार हो रहे उतार चढ़ाव के बीच अब गेहूं के दाम 2000 रुपये से भी नीचे हो गए हैं।
किसानों को गेहूं की बिक्री (wheat selling) से अधिक मुनाफा न होने के कारण उन्होंने अपने गेहूं को स्टॉक करना शुरू कर दिया है। अब गेहूं को स्टॉक करने का असर भी इसके भाव पर आने वाले समय में पड़ सकता है।
इस तरह से चल रहा भाव में उतार चढ़ाव-
अधिकतर राज्यों में कुछ दिन पहले तक एमएसपी 2425 रुपये क्विंटल से ऊपर चल रहे गेहूं के दाम अब कई मंडियों (mandi bhav today) में 2000 रुपये से भी नीचे हो गए हैं। गेहूं के दाम (gehu ke daam) गिरने के कई कारण बताए जा रहे हैं। एक तो खराब गुणवत्ता वाला गेहूं 1900 रुपये प्रति क्विंटल के करीब हो गया है। दूसरा गेहूं का न्यूनतम रेट (minimum wheat price) भी दो हजार रुपये से नीचे है। गेहूं का अधिकतम रेट तो अब भी एमएसपी के करीब ही है।
गेहूं के भाव गिरने का बड़ा कारण –
गेहूं की सरकारी खरीद (wheat purchasing) बंद होने पर निजी व्यापारियों ने गेहूं को खरीदना शुरू किया तो रेट बढ़ गए थे। अब निजी व्यापारियों की ओर से भी खरीद फरोख्त कम हो गई है। इस कारण गेहूं के दाम (gehu ke daam) एमएसपी से काफी नीचे चले गए हैं। आने वाले समय में फिर से रेट में बढ़ौतरी देखने को मिल सकती है, पर इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी ही होगी।
इन राज्यों में गेहूं का इतना है रेट-
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में गेहूं के भाव (rajasthan wheat price) की बात करें तो यहां पर गेहूं के न्यूनतम रेट 1950 रुपये प्रति क्विंटल के करीब हैं। हालांकि अधिकतम रेट 2300 रुपये (wheat maximum price) के आसपास है।
इसमें सबसे बड़ी सोचने वाली बात तो यह है कि गेहूं के अधिकतम व न्यूनतम दाम एमएसपी (wheat MSP) से नीचे हो गए हैं। ऐसा इसलिए भी देखने को मिल रहा है क्योंकि अब मानसून में खुले में रखे गेहूं में नमी आई है, कई जगह तो यह भीग भी गया है। ऐसे किसानों का गेहूं निम्न रेट (gehu ka rate) पर खरीदा जा रहा है।
जुलाई के बाद इतना होगा गेहूं का भाव-
अब जुलाई के बाद ही गेहूं के दाम (wheat rate latest) बढ़ने की संभावना है। एक्सपर्ट्स के अनुसार गेहूं के भाव (gehu ka bhav) में अगस्त माह में बदलाव हो सकता है। निजी व्यापारी फिर से गेहूं की खरीद करने लगेंगे और गेहूं के दाम बढ़ सकते हैं। तब गेहूं के दाम (wheat rate 11 july) बढ़ने की संभावना इसलिए भी है, क्योंकि अब किसानों ने अपना गेहूं स्टॉक करना शुरू कर दिया है। आने वाले समय में गेहूं की आपूर्ति का दबाव बनेगा और रेट फिर से बढ़ सकते हैं।