राज्य सरकार ने 5 लाख किसानों को ब्याज-मुक्त लोन देने की योजना बनाई है। जानें इस लोन के लिए कौन-कौन से किसान पात्र होंगे, कैसे करें आवेदन, और कब तक मिलेगा फायदा। क्या आप भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं? पढ़ें पूरी जानकारी।
राजस्थान सरकार ने अपने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में 35 लाख किसानों को ब्याज-मुक्त (Interest Free) शॉर्ट-टर्म क्रॉप लोन (Crop Loan) देने का ऐलान किया है। यह कदम राज्य के कृषि क्षेत्र को और अधिक मजबूत करने के लिए उठाया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य किसानों की वित्तीय स्थिति को सुधारने और उन्हें बिना ब्याज के ऋण प्रदान कर कृषि क्षेत्र को नई दिशा देना है।
राजस्थान में कृषि संकट को ध्यान में रखते हुए इस फैसले का बड़ा असर होने की उम्मीद है। सरकार की योजना के तहत किसानों को अगले वित्तीय वर्ष में 25,000 करोड़ रुपये के शॉर्ट-टर्म लोन वितरित किए जाएंगे, जो उनकी कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक होंगे। इसके अलावा, राज्य सरकार के सहकारिता विभाग द्वारा इस दौरान 805 करोड़ रुपये से अधिक के मध्यकालीन (Medium-Term) लोन और लगभग 232 करोड़ रुपये के लंबी अवधि के (Long-Term) ऋण भी वितरित किए जाएंगे।
75 लाख किसानों को मिला फ्री लोन
राजस्थान सरकार ने हाल ही में यह भी बताया कि राज्य में नई सरकार के गठन के बाद से अब तक लगभग 75 लाख किसानों को करीब 42,131 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त शॉर्ट-टर्म क्रॉप लोन वितरित किया गया है। इस निर्णय ने राज्य के कृषि क्षेत्र में नए बदलाव की लहर पैदा की है। सहकारिता विभाग ने भी राज्य में अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाया है और 30 जून, 2025 तक 600 से ज्यादा नई सहकारी समितियां बनाई हैं, जो किसानों को ऋण देने में मदद कर रही हैं।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार ‘सहकार से समृद्धि’ की भावना के साथ कमजोर वर्ग को सशक्त बना रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि इन योजनाओं का लाभ हर किसान तक पहुंचे। सरकार की इस पहल से राज्य के कृषि क्षेत्र में और अधिक समृद्धि आएगी और किसानों की आय में सुधार होगा।
सहकारी बैंकों का महत्वपूर्ण योगदान
राजस्थान के केंद्रीय सहकारी बैंकों ने इन योजनाओं को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई है। केंद्रीय सहकारी बैंकों द्वारा 75.52 लाख किसानों को ब्याज-मुक्त शॉर्ट-टर्म लोन वितरित किए गए हैं, जो 42,131 करोड़ रुपये के बराबर है। यह राशि राज्य में कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देने में सहायक साबित हो रही है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, सहकारी बैंक किसानों के लिए कृषि लोन प्रणाली को सरल और सुलभ बना रहे हैं। इन बैंकों द्वारा किसानों को समय पर ऋण मिलने से उनकी खेती में सुधार हुआ है, और खेती से संबंधित अन्य खर्चे आसानी से उठाए जा रहे हैं।
आगामी वित्तीय वर्ष में 35 लाख किसानों को मिलेगा लाभ
राज्य सरकार ने FY26 में 35 लाख किसानों को ब्याज-मुक्त शॉर्ट-टर्म लोन देने का वादा किया है, और इसके लिए राज्य बजट में 25,000 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है। इस कदम से किसानों को अपने कृषि कार्यों में जुटने के लिए बेहतर वित्तीय सहारा मिलेगा। साथ ही, राज्य में कृषि क्षेत्र में नई तकनीकी का इस्तेमाल बढ़ेगा और उत्पादन में भी वृद्धि हो सकती है।
इस पहल के जरिए राज्य सरकार कृषि ऋण वितरण प्रणाली को और बेहतर बनाने का प्रयास कर रही है। सरकार का यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि किसानों को ऋण लेने में कोई कठिनाई न हो और उन्हें समय पर भुगतान मिल सके।
सहकारिता विभाग का विस्तार
राजस्थान सरकार के सहकारिता विभाग ने पिछले कुछ वर्षों में अपना नेटवर्क काफी बढ़ाया है। 30 जून, 2025 तक राज्य में 600 से अधिक नई सहकारी समितियां बनाई गई हैं, जो किसानों को विभिन्न प्रकार के लोन उपलब्ध करवा रही हैं। इन समितियों का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके कृषि कार्यों के लिए सस्ते और ब्याज-मुक्त ऋण मुहैया कराना है, जिससे उनका वित्तीय बोझ कम हो और वे आसानी से अपनी खेती पर ध्यान केंद्रित कर सकें। राज्य सरकार का यह कदम निश्चित रूप से राज्य के कृषि क्षेत्र को प्रौद्योगिकी, उपकरण और वित्तीय सहायता के माध्यम से सशक्त बनाएगा।
भविष्य की योजनाएं और सरकार की नजर
राजस्थान सरकार ने अपनी योजनाओं में किसानों को बडे़ पैमाने पर वित्तीय सहायता देने का लक्ष्य रखा है। राज्य सरकार का मानना है कि किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, जो न केवल राज्य बल्कि पूरे देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करेगा।
राज्य सरकार का यह प्रयास है कि कृषि क्षेत्र को अधिक लाभकारी बनाया जाए और किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य मिले। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का यह कहना है कि सरकार कृषि के साथ-साथ किसानों के समग्र विकास के लिए काम कर रही है, और इसके लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की गई है।