गोरखपुर, यूपी – उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जहां एक व्यक्ति ने अपने ही घर को खून से रंग डाला। पैसों के मामूली विवाद ने एक शिक्षिका की जान ले ली। आरोपी पति ने पत्नी के सोते समय चक्की के पत्थर से सिर कुचलकर बेरहमी से हत्या कर दी। यह सब उस समय हुआ जब उनका 13 वर्षीय बेटा पास के कमरे में मौजूद था।
पैसों से शुरू हुआ विवाद, खून पर हुआ खत्म
36 वर्षीय आशा भारती कस्तूरबा गांधी विद्यालय में शिक्षिका थीं। उनके पति रवि प्रताप, जो एक मेडिकल स्टोर संचालित करते हैं, लंबे समय से उनसे हर महीने ₹15,000 की मांग कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, आशा ₹5,000 से अधिक देने को तैयार नहीं थीं। यह मुद्दा दोनों के बीच लगातार तनातनी की वजह बनता रहा।
सोमवार की रात इस तनाव ने हिंसक मोड़ ले लिया।
सोते हुए किया गया हमला
जब आशा गहरी नींद में थीं, रवि प्रताप ने चक्की के पत्थर से उनके सिर पर कई वार कर दिए। चीख-पुकार सुनकर 13 वर्षीय बेटा जाग गया और जब वह बीच-बचाव करने दौड़ा, तो पिता ने उसे भी जान से मारने की कोशिश की। किसी तरह बच्चा जान बचाकर भागा और पड़ोसियों को घटना की सूचना दी।
पड़ोसी दौड़ते हुए घर पहुंचे और तुरंत आशा को मेडिकल कॉलेज ले गए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी—डॉक्टरों ने आशा को मृत घोषित कर दिया।
हत्या के बाद फरार आरोपी
हत्या को अंजाम देने के बाद रवि प्रताप मौके से फरार हो गया। गोला थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की तलाश जारी है। थाना प्रभारी अंजुल चतुर्वेदी के अनुसार, कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
कितना सस्ता हो गया है खून?
इस घटना ने कई जख्म छोड़ दिए हैं—एक मासूम बेटे को मां की लाश, एक घर को बर्बादी, और समाज को फिर से ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या आर्थिक दबाव रिश्तों की बलि लेने लगा है? क्या हम संवाद खो चुके हैं और अब हिंसा ही अंतिम विकल्प बन गई है?
यह कोई फिल्मी कहानी नहीं—यह हकीकत है। एक औरत की, जो शिक्षिका थी, जो मां थी, जो शायद हर दिन अपने छात्रों को जीवन जीने का पाठ पढ़ाती थी… लेकिन खुद अपनी जान बचा नहीं पाई।