Gehu Ka Bhav 18 july 2025 : गेहूं के भाव में अचानक तगड़ी बढ़ौतरी हुई है। रातों रात गेहूं के दामों में उछाल आने से किसानों का मुनाफा भी बढ़ गया है। रेट में बढ़त का असर अब मंडियों (mandi bhav today) में गेहूं की आवक पर भी पड़ा है। आइये जानते हैं 1 क्विंटल गेहूं के कितने हो गए हैं दाम।
गेहूं के दाम इस बरसाती मौसम में भी तेजी पर बने हुए हैं। कल तक गिरावट पर चल रहे गेहूं के दामों (gehu ka bhav) में अचानक तगड़ा उछाल आया है। अब अधिकतर राज्यों में गेहूं की सरकारी खरीद तो बंद हो गई है, लेकिन किसानों को निजी व्यापारियों से अब गेहूं के अधिक दाम मिल रहे हैं। पहले की तुलना में अधिकतर मंडियों में प्रति क्विंटल गेहूं के दाम (wheat rate 18 july) हाईलेवल पर ट्रेंड कर रहे हैं।
निर्यात में ढ़ील का पड़ा यह असर-
केंद्र सरकार की ओर से गेहूं और आटे (wheat flour rate) के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसमें ढील देने की चर्चाओं का असर अब मंडियों में गेहूं के भाव पर भी दिखाई देने लगा है। गेहूं की आपूर्ति का दबाव बनने की संभावनाओं के चलते गेहूं के दाम (gehu ke daam) हाई हो गए हैं। अब एक क्विंटल गेहूं का अधिकतम रेट 3430 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया है। यह एमएसपी (wheat MSP) 2425 से 1005 रुपये अधिक हो गया है। कई मंडियों में अधिकतम रेट इससे नीचे भी है, लेकिन एमएसपी से ऊपर रेट बने हुए हैं।
मध्य प्रदेश व राजस्थान में बढ़े गेहूं के दाम-
रातों रात गेहूं के भाव (wheat rate hike) में प्रति क्विंटल पर 100 रुपये तक की तेजी आई है। इससे पहले गेहूं का अधिकतम रेट 3330 रुपये था, जो राजस्थान की कुछेक मंडियों (mandi bhav today) में देखने को मिल रहा था। हालांकि मध्य प्रदेश में भी कुछ मंडियों में गेहूं के भाव 3200 रुपये क्विंटल तक पहुंच गए हैं। किसानों को अब पहले की अपेक्षा 1 क्विंटल गेहूं पर हजार रुपये तक का मुनाफा हो रहा है।
यह कहना है विशेषज्ञों का-
अब निजी व्यापारी किसानों से सीधा संपर्क साधने लगे हैं। इस कारण भी गेहूं के भाव (wheat price hike) में तेजी आई है। किसानों को मंडियों की अपेक्षा निजी व्यापारियों से गेहूं के अधिक रेट मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में गेहूं के दाम एमएसपी (wheat MSP 2025) से ऊपर चल रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार केवल निर्यात में ढ़ील की चर्चाओं से ही रेट पर इतना असर पड़ा है तो वास्तविकता के बाद तो रेट और हाई हो जाएंगे।
आटे के दाम भी बढ़ेंगे-
गेहूं के दाम बढ़ने का असर आटे की कीमतों (wheat flour rate) पर भी पड़ सकता है। गेहूं का रेट बढ़ते ही गेहूं से बने पदार्थ मार्केट में महंगे हो जाते हैं। इस कारण आटा (aate ka bhav) भी पहले से महंगा हो सकता है। ऐसे में आने वाले समय में उपभोक्ताओं की समस्या बढ़ सकती है। खासकर त्योहारी मौसम में ऐसा होने की पूरी संभावना है कि गेहूं व आटे (wheat flour price) के रेट बढ़ जाएं। हालांकि गेहूं के दाम बढ़ने से किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलेगा।