Gold Rate : सोने की कीमतों में आए दिन उतार चढाव देखने को मिल जाता है। जहां एक ओर पिछले काफी समय से सोने की कीमतों में तेजी देखी जा रही थी, वहीं अब एक बार फिर से सोने की कीमतों में गिरावट का दौर जारी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ ही दिनों में सोने की कीमतों में 38 प्रतिशत तक की गिरावट देखी जाने वाली है। खबर में जानिये इस बारे में पूरी जानकारी।
जहां एक ओर पिछले काफी समय से सोने की कीमत (Gold Rate Hike) लंबी छलांग लगा रही है। वहीं अब उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वालों समय में सोने की कीमतों में गिरावट देखी जा सकती है।
सोने की कीमतों में 38 प्रतिशत तक की गिरावट देखी जा सकती है, जिसके हिसाब से आने वाले समय में सोने की ये कीमत 55 हजार रुपये से भी नीचे आ सकती है। इसकी वजह से निवेशकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं सोने की कीमतों (sone ka bhav) बंपर गिरावट आने की वजह।
12 महीने की बढ़ौतरी पर लग सकता है रोक-
अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म मॉर्निंगस्टार (Morningstar) के एनालिस्ट जॉन मिल्स (Jon Mills) का मानना है कि सोने की कीमत अगले कुछ सालों में 38 प्रतिशत तक गिर सकती हैं। यह गिरावट पिछले 12 महीनों में आई बढ़ौतरी को गंवाने जैसी होगी। मिल्स का मानना है कि सोने की कीमत 1,820 डॉलर प्रति औंस तक गिर सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने के की कीमत (gold rate) 3,132.71 प्रति औंस पर चल रही है। ऐसे में अगर जॉन मिल्स का अनुमान सही साबित होता है, तो सोने में निवेश का मौका तलाश रहे लोगों की तलाश खत्म हो सकती है।
इस वजह से सोने की कीमतों में आया उछाल-
सोने की कीमतों (sone ka bhav) में पिछले काफी समय से बढ़ौतरी देखी जा रही है। इस वजह से सोने के गहने खरीदने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा ज्वेलरी की मांग में भी गिरावट देखी जा सकती है। हालांकि, जिन लोगों ने निवेश के लिहाज से पहले ही सोने की खरीदी कर ली थी तो उनका प्रॉफिट कई गुना बढ़ गया है।
इसमें प्रॉफिट बुकिंग भी दिखाई देती नजर आ रही है। हालांकि अधिकांश निवेशकों का मानना है कि इसकी कीमतों में और भी ज्यादा बढ़ौतरी देखी जा सकती है। इस वजह से वह अपने पूरे इन्वेस्टमेंट की बिकवाली नहीं कर रहे। सोने की कीमत (gold price) भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता, महंगाई बढ़ने की आशंका और डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों की वजह से बढ़ रही है।
सोने की कीमतों में गिरावट आने की वजह-
एनालिस्ट जॉन मिल्स ने जानकारी देते हुए बताया कि सोने की कीमतों (gold rate down) में गिरावट की संभावना क्यों बनती दिख रही है। मिल्स का मानना है कि डिमांड और सप्लाई के बीच का अंतर आने वाले कुछ सालों के अंदर तेजी से कम होता नजर आ रहा है। मिल्स के मुताबिक, जब सोना महंगा होता है, तो इसकी माइनिंग भी बढ़ जाती है।
2024 की दूसरी तिमाही में गोल्ड माइनिंग का औसत मुनाफा 950 डॉलर प्रति औंस पर चल रहा था, जो 2012 के बाद सबसे ज्यादा है। पिछले साल दुनिया में सोने का कुल भंडार 9 प्रतिशत तक बढ़ा गया है। कई देश बड़े पैमाने पर सोने का उत्पादन बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा, पुराना सोना (old gold price) भी लगातार रीसाइकल किया जा रहा है। इसकी वजह से बाजार में उपलब्ध सोने की मात्रा तेजी से बढ़ती दिख रही है। उन्होंने बताया कि सप्लाई ज्यादा होने से कीमतों पर दबाव बढ़ेगा और यह सस्ता हो जाएगा।
केंद्रीय बैंकों की ओर से कम होगी सोने की होल्डिंग्स-
सोने की कीमतों (Gold rate) में तेजी की एक वजह दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों द्वारा अपने गोल्ड भंडार को लगातार बढ़ाना भी बताया जा रहा है। जॉन मिल्स का मानना है कि केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की डिमांड कम होने की उम्मीद है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के सर्वे में 71 प्रतिशत केंद्रीय बैंकों ने बताया कि वे अगले साल अपनी गोल्ड होल्डिंग्स (gold holdings) को कम कर सकते हैं या स्थिर रह सकते हैं।
इसकी वजह से सोने की डिमांड भी कम होने वाली है। उसकी कीमत भी नीचे आ सकती है। हालांकि, कई दूसरे एक्सपर्ट्स मिल्स के अनुमान से सहमत नहीं हैं। उनका मानना है कि सोना और महंगा (gold rate hike) होगा और फिलहाल किसी बड़ी गिरावट आने की संभावना नहीं है।
इस स्थिति में कम नहीं होगी सोने की कीमत-
वॉल स्ट्रीट के कई एनालिस्ट को उम्मीद है कि सोने (gold rate) का निखार लगातार बढ़ता रहने वाला है। बैंक ऑफ अमेरिका के मुताबिक अगले दो साल में सोना 3,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचने की संभावना है। जबकि गोल्डमैन सैक्स को उम्मीद है कि 2025 के अंत तक सोने की कीमतें (gold price) 3,300 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है।
भारत में इस रेट मिलेगा सोना-
लगातार बढ़ रही सोने की कीमतों (Gold price today) के बीच एक चौंकाने वाला दावा सामने आ रहा है, जिस दावे ने बाजार में हलचल मचा दी है। अमेरिका की वित्तीय सेवा फर्म मॉर्निंगस्टार के स्ट्रेटिजिस्ट जॉन मिल्स ने भविष्यवाणी करते हुए बताया है कि सोने की कीमतें में आने वाले कुछ सालों में 38 प्रतिशत तक की गिरावट (Gold price fall) देखी जा सकती है। यानी भारत में यह 55,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक नीचे आ सकता है।
वहीं, कुछ विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि सोने की कीमतें कैसी रहेंगी, यह डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों पर निर्भर करने वाला है। अगर उनकी नीतियों से ट्रेड वॉर की आशंका को बल दिया जाता है और हालात बिगड़ते हैं तो फिर सोने की कीमतों में गिरावट आने की संभावना काफी कम रहने वाली है। ( 18 july gold price )