Gold Silver Rate : सोने की कीमतों में आए दिन उतार चढ़ाव देखने को मिल जाता है। पिछले 6 सालों के अंदर सोने की कीमत में तीन गुना तक का उछाल देखा गया है। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि आने वाले दिनों में सोने की कीमत में तेजी यूहीं बरकरार रहने वाली है। ऐसे में आइए जानते हैं 2030 में सोने की कीमत कितनी रहने वाली है।
पिछले 6 साल में सोने की कीमत में तीन गुना तक का उछाल आ गया है। हालांकि अब एक्सपर्ट्स ने जानकारी देते हुए बताया कि अब सोने की कीमत में ठहराव के दौर में जारी रहने वाला है। जानिए किस वजह से सोने की कीमतों में अधिक तेजी नहीं देखी जा रही है। 2019 में भारत में सोने की कीमत लगभग 30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर चल रही थी। जोकि जुलाई 2025 तक बढ़कर 1 लाख से अधिक हो गई। आइए जानते हैं 2030 तक सोने के क्या रहेट रहने वाले हैं।
2019 में इस रेट मिल रहा है सोना-
2019 में भारत में सोने की कीमत करीब 30,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई थी, जोकि जुलाई 2025 तक बढ़कर 1 लाख रुपये से अधिक हो गई। इसस 6 साल की अवधि में सोने ने 200 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न दे दिया है और इसकी कीमत तीन गुना अधिक हो गई। सोने की कीमत (Sone Ka Bhav) ने हर तिमाही और सालाना रिपोर्ट में अपने प्राइस टारगेट्स लगातार अपग्रेड कर दिया है। जोकि हर बार काफी हद तक वास्तविक कीमतों से मेल खाए या उससे ऊपर ही निकल गई है।
2024 में सही रहा था पूर्वानुमान-
पिछले साल एक्सपर्ट्स ने 98,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक का स्तर पहुंच गया था, जो उसके 1.02 लाख रुपये के टारगेट के लगभग पहुंच गया था। ऐसे में अब कंपनी को लगता है कि सोने की मौजूदा कीमतों (Gold Price) में बहुत कुछ पहले से ही शामिल है और आगे तेजी के लिए किसी बड़े और नए ट्रिगर की जरूरत होने वाली है।
सोने की कीमतों ममें तेजी थमने की वजह-
1. जियोपॉलिटिकल टेंशन (Geopolitical Tension): इजरायल-ईरान (Israel-Iran) और रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) जैसे संघर्षों से जुड़ा जोखिम पहले ही कीमतों में गिन लिया गया है।
2. टैरिफ वॉर में कमी: अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ (Tariff) का विवाद भी कम हो रहा हैं, इसकी वजह से बाजार में स्थिरता देखी जा रही है।
3. ब्याज दरों में कटौती की संभावना : जब ब्याज दर में कटौती की जाती है, तो गोल्ड में तेजी देखी जाने वाली है। हालांकि, कटौती टलने से कीमतों को मिलने वाला शॉर्ट टर्म सपोर्ट फिलहाल नहीं दिख रहा।
4. केंद्रीय बैंकों की खरीदारी धीमी: भारत और चीन समेत दुनियाभर के सेंट्रल बैंक अभी भी सोना खरीदी की जा रही है। हालांकि पहले जैसी तेजी नहीं देखी गई है।
5. डॉलर इंडेक्स का असर: डॉलर इंडेक्स (Dollar Index) में गिरावट और डी-डॉलराइजेशन (De-dollarisation) के ट्रेंड का प्रभाव अब पहले से गोल्ड के दाम में शामिल रहा है।
6. थकने लगा है सोना: सोने की कीमतें काफी समय से ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। इसकी वजह से सोने के बाजार में फटीग (Fatigue) यानी थकावट के संकेत देखे जा रहे हैं।
2030 में इस रेट मिलेगा सोना-
2030 में सोने की कीमत (Gold Rate) के बारे में कोई निश्चित भविष्यवाणी की जानी काफी ज्यादा मुश्किल है, हालांकि कुछ अनुमान और विश्लेषण उपलब्ध हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2030 तक सोने की कीमत 7000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती है। कुछ अन्य पुर्वानुमानों में 1.68 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक का आंकड़ा भी जारी किया गया है।
जानिये क्या कहता है गोल्ड का इतिहार-
गोल्ड एक्सपर्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 25 साल में COMEX गोल्ड ने एक भी साल में 32 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न नहीं दिया है। हालांकि मौजूदा तेजी में यह आंकड़ा पहले ही 30 प्रतिशत को पार कर गया है। इसकी वजह से यह संकेत मिलता है कि अब तेजी की गति थम सकती है।
निवेशकों के लिए राय-
एक्सपर्ट ने रणनीतिक निवेशकों (Tactical Traders) को राय दी है कि वे 96,000 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर नजर रखें। अगर कीमतें इस स्तर से नीचे बंद होती हैं तो लॉन्ग पोजिशन से हेजिंग (Hedging) या आंशिक एक्जिट (Exit) का विचार किया जाने की संभावना है। ( 23 july gold price )
कीमतों के दायरे में हलचल की संभावना-
एक्सपर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई बड़ा और नया लॉन्ग टर्म ट्रिगर सामने आता है, तो वह फिर से गोल्ड में बुलिश रुख अपनाने के लिए तैयार है। हालांकि तब तक कीमतों में सीमित दायरे (Range-bound) में हलचल रहने की उम्मीद लगाई जा रही है।