gehu ka bhav 25 july 2025 : गेहूं के दामों में कई दिनों से उठापटक चल रही है। कभी भाव एकदम हाई हो रहे हैं तो कभी एकदम गिरावट देखी जा रही है। अब ने गेहूं के भाव (wheat rate 26 july) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले का असर गेहूं के दामों पर भी पड़ेगा। आइये जानते हैं कितने हो गए 1 क्विंटल गेहूं के रेट।
गेहूं के भाव में चल रहे उतार चढ़ाव का असर अब मंडियों में साफ तौर पर दिखाई देने लगा है। गेहूं के रेट को लेकर अब सरकार ने बड़ा फैसला (govt decision on wheat) लिया है। इसका गेहूं की आवक और बिक्री पर भी असर पड़ा है।
मंडी भाव एक्सपर्ट्स के अनुसार गेहूं के भाव (gehu ka bhav) को लेकर सरकार की ओर से लिया गया फैसला गेहूं के व्यापार पर व्यापक असर डालेगा, आगामी समय में गेहूं के भाव (wheat rate today) पर स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। फिलहाल भी गेहूं के प्रति क्विंटल भाव में इस निर्णय के कारण बदलाव देखने को मिला है।
इतना है 1 क्विंटल गेहूं का रेट
इस समय गेहूं का औसत भाव (wheat everage price) अधिकतर राज्यों में 2450 रुपये प्रति क्विंटल है जो एमएसपी 2425 रुपये के आसपास ही है। गेहूं के न्यनूतम दाम एमएसपी (gehu ka MSP) से करीब 400 रुपये तक डाउन हैं।
ऐसे में कहा जा सकता है कि गेहूं के दाम नियंत्रण में हैं। हालांकि इससे किसानों को अधिक फायदा नहीं है, बल्कि उपभोक्ताओं को राहत है कि उन्हें सस्ता गेहूं मिल रहा है। किसानों को तो अधिक रेट पर गेहूं (gehu ka bhav) की बिक्री होने पर ही मुनाफा मिलता है।
इसलिए लिया सरकार ने बड़ा फैसला
इस बार सरकार ने गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (wheat MSP) में 150 रुपये की बढ़ौतरी की थी। इसके अलावा कुछ राज्यों में गेहूं खरीद पर बोनस भी दिया गया।
इसका फायदा किसानों को मिला और परिणाम यह हुआ कि निजी व्यापारियों की ओर से खरीद शुरू करते ही गेहूं के रेट (gehu ka rate) सातवें आसमान पर जा चढ़े। इस बढ़ते रेट को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने अब बड़ा फैसला लिया है।
OMSS के तहत बिक्री की जरूरत नहीं
सरकार की ओर से कहा गया है कि अब सरकार की ओर से गेहूं की OMSS (open market sale scheme) के तहत सस्ते रेट में गेहूं की बिक्री करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि पहले ही गेहूं के रेट (wheat rate latesst) नियंत्रित हैं। पिछली बार गेहूं के दाम हाई होने पर सरकार ने नियंत्रण के लिए FCI के सरकारी गोदामों से OMSS के तहत गेहूं की बिक्री शुरू की थी।
इस बार अभी यह फैसला नहीं लिया गया है। सरकार का तर्क है कि अभी गेहूं के रेट (gehu ka rate) कंट्रोल में हैं। ओएमएसएस के तहत सरकार ने 2023-24 में लगभग 10 मिलियन टन गेहूं की बिक्री की थी।
मांग के अनुसार हो रही गेहूं की आपूर्ति
सूत्रों के अनुसार गेहूं की खुले बाजार में बिक्री (wheat selling) की अभी जरूरत महसूस नहीं की जा रही है। मांग के अनुसार पर्याप्त आपूर्ति हो रही है। सरकार ने इस बार समय पर सरकारी खरीद (wheat purchasing) का लक्ष्य पूरा कर लिया था। इस कारण बाजार में गेहूं की मांग व आपूर्ति का दबाव नहीं है।
