DA Merger January 2026 : सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है, जिसकी सिफ़ारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। इस बीच लोगों के मन में सवाल यह है कि क्या अगले साल से कर्मचारियों का डीए उनकी बेसिक सैलरी (basic salary) में मर्ज होगा या नहीं? आइए नीचे खबर में जान लेते है क्या कहते है एक्सपर्ट-
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 2% की वृद्धि को मंज़ूरी दे दी है, जिससे अब यह मूल वेतन का 55% हो गया है। सरकार साल में दो बार डीए संशोधित करती है। अगली घोषणा नवंबर में होगी, जो जुलाई से प्रभावी होगी। यह सातवें वेतन आयोग (7th pay commission latest update) के तहत अंतिम डीए बढ़ोतरी है। सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा कर दी है, जिसकी सिफ़ारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी।
सवाल यह है कि क्या अगले साल से कर्मचारियों का डीए उनकी बेसिक सैलरी (basic salary) में मर्ज हो जाएगा? पांचवें वेतन आयोग (5th pay commission) ने DA को बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया था क्योंकि उस समय यह 50% से ज्यादा हो गया था। लेकिन उसके बाद ऐसा नहीं हुआ। अब इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या 8वें वेतन आयोग के आने से पहले DA बेसिक सैलरी में मर्ज हो जाएगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार, अकॉर्ड जूरिस के मैनेजिंग पार्टनर अजय राजवी का कहना है कि महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन (बेसिक सैलरी) में विलय करने की बात कहना अभी जल्दबाजी होगी। इस संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। गौरतलब है कि छठे और सातवें वेतन आयोग दोनों ने ही डीए को मूल वेतन में विलय करने का विरोध किया था। हालांकि, नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी सहित कई कर्मचारी संगठन इस विलय की मांग कर रहे हैं।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी (Minister of State for Finance Pankaj Choudhary) ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में बताया है कि फिलहाल डीए को बेसिक सैलरी में मर्ज करने की कोई योजना नहीं है। सरकार डीए के 50% को बेसिक सैलरी में मर्ज नहीं करेगी। यह 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की रिपोर्ट आने से पहले अंतरिम राहत के तौर पर भी नहीं किया जाएगा।
कैसे होगी कैलकुलेशन-
गांधी लॉ एसोसिएट्स के पार्टनर निसर्ग देसाई के अनुसार, महंगाई भत्ता (DA) का उद्देश्य बढ़ती महंगाई से कर्मचारियों को राहत देना है। इसकी दरें हर छह महीने में बदलती हैं और यह जीवन-यापन की लागत को दर्शाती हैं। छठे वेतन आयोग ने भी यही तरीका सुझाया था। श्रम ब्यूरो हर महीने अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI) जारी करता है, जिसके आधार पर DA की गणना की जाती है। यदि DA को मूल वेतन में नहीं मिलाया जाता है, तो इसकी गणना AICPI के आधार पर जारी रहेगी।
कोचर एंड को. लीगल कंसल्टेंट्स की पार्टनर सुमा आरवी ने कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) के तहत मौजूदा गणना का तरीका आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) में भी जारी रहेगा। जब तक कि आठवां वेतन आयोग (8th pay commission latest) कोई नया आधार प्रस्तावित नहीं करता और सरकार उससे सहमत नहीं होती।
8वें वेतन आयोग के तहत DA की गणना कैसे होगी? अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है कि 1 जनवरी, 2026 से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए DA की गणना कैसे होगी। यह भी नहीं पता कि यह अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) पर आधारित होगा या नहीं।
बेस ईयर-
एक्सपर्ट के अनुसार, महंगाई भत्ते (DA) की गणना आमतौर पर अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक औद्योगिक श्रमिक (AICPI-IW) के आधार पर होती है, जैसा कि पिछले वेतन आयोगों में भी होता रहा है। हालांकि, इस फॉर्मूले में कोई भी बदलाव 8वें वेतन आयोग द्वारा तय किया जाएगा और सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही लागू होगा। वर्तमान में AICPI-IW के लिए आधार वर्ष 2016 है, लेकिन बढ़ती महंगाई को देखते हुए इसमें बदलाव संभव है।
इसलिए AICPI-IW की गणना के लिए बेस ईयर को बदलने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। समय-समय पर इसमें बदलाव किए जाते हैं ताकि खपत के बदलते पैटर्न (pattern) और आर्थिक स्थिति का पता चल सके।
सुप्रीम कोर्ट के वकील के अनुसार, आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें ही मेथोडोलॉजी, बेस ईयर या महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) को मूल वेतन में विलय जैसे बदलावों को तय करेंगी। ये सिफारिशें अभी अंतिम नहीं हुई हैं, इसलिए इन संभावित परिवर्तनों पर कोई भी चर्चा केवल सैद्धांतिक है। सरकार के औपचारिक नीतिगत फैसले का इंतजार है।