8th Pay Commission – जनवरी 2026 में सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त होने वाला है, और इसके साथ ही आठवें वेतन आयोग का समय शुरू हो जाएगा, जिस पर लाखों सरकारी कर्मचारियों की निगाहें टिकी हैं। नए वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी… आइए ये जान लेते है नीचे इस खबर में-
जनवरी 2026 में सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल समाप्त होने वाला है, और इसके साथ ही आठवें वेतन आयोग (8th pay commission news) का समय शुरू हो जाएगा, जिस पर लाखों सरकारी कर्मचारियों की निगाहें टिकी हैं। सातवें वेतन आयोग से वेतन में खास बढ़ोतरी नहीं हुई थी, इसलिए कर्मचारियों को आठवें वेतन आयोग से काफी उम्मीदें हैं कि इस बार उनके वेतन में पर्याप्त बढ़ोतरी होगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें 30-34 प्रतिशत की वेतन और पेंशन बढ़ोतरी का रास्ता खोल सकती हैं। इससे लगभग 1 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा। मगर क्या यह सौगात तय समय पर मिल पाएगी?
वेतन आयोग के गठन का मकसद-
सरकारी वेतन को निजी क्षेत्र के बराबर रखने के लिए हर दस साल में वेतन आयोग बनता है। यह कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा देने के साथ-साथ प्रशासन में प्रतिभाओं को बनाए रखने में मदद करता है। जनवरी 2024 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा हुई थी, लेकिन अब तक इसके नियम, सदस्य और अध्यक्ष तय नहीं हुए हैं। इस देरी से चिंता बढ़ रही है।
सातवें वेतन आयोग में हुई थी कम वेतन वृद्धि-
2016 में लागू हुए सातवें वेतन आयोग ने मूल वेतन (Basic pay) में केवल 14.3% की वृद्धि की सिफारिश की, जो 1970 के बाद सबसे कम थी। हालांकि, फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, लेकिन महंगाई भत्ते (DA) को रीसेट करने के कारण वास्तविक वेतन वृद्धि सीमित रही। विभिन्न भत्तों को मिलाकर कुल वृद्धि लगभग 23% थी। इसकी तुलना में, 6वें वेतन आयोग (2006) ने लगभग 54% की भारी बढ़ोतरी की थी, जिससे कर्मचारियों में काफी उत्साह था।
आठवें वेतन आयोग में कितना होगा फिटमैंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) वह गुणांक है जो सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन में वृद्धि निर्धारित करता है। 7वें वेतन आयोग में इसे 2.57 रखा गया था। ब्रोकरेज फर्म एंबिट कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार यह 1.83 से 2.46 के बीच रहने की संभावना है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर्मचारी (employees) का वर्तमान मूल वेतन ₹18,000 है, तो 2.46 के फिटमेंट फैक्टर पर नया वेतन ₹44,280 तक हो सकता है। हालांकि, महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) रीसेट होने के बाद ही वास्तविक लाभ स्पष्ट होंगे।
सैलरी स्ट्रक्चर में बेसिक पे के साथ कई भत्ते-
सरकारी वेतन में सिर्फ बेसिक पे ही नहीं होता, बल्कि DA (महंगाई भत्ता), HRA (मकान किराया भत्ता), TA (यात्रा भत्ता) और अन्य सुविधाएं भी शामिल होती हैं। समय के साथ बेसिक का अनुपात 65% से घटकर लगभग 50% हो गया है। पूरे वेतन में भत्तों का हिस्सा बढ़ा है। DA हर 6 महीने में CPI के आधार पर संशोधित होता है। इसलिए वेतन वृद्धि का प्रभाव समय के साथ ज्यादा स्पष्ट होता है।
यूपीएस में 50% पेंशन की गारंटी-
आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों का सीधा असर 60 लाख से ज्यादा पेंशनर्स (pensioners) पर भी पड़ेगा। चूंकि पेंशन में HRA और TA शामिल नहीं होते, इसलिए केवल बेसिक पे और DA में ही बदलाव होगा। एक और बड़ा बदलाव यह है कि अप्रैल 2025 से NPS में संशोधन कर Unified Pension Scheme (UPS) लागू की गई है, जिसके तहत कर्मचारी को उसके अंतिम वेतन का कम से कम 50 प्रतिशत पेंशन के तौर पर मिलने की गारंटी हो गई है।
जनवरी 2026 की समयसीमा: हकीकत या महज उम्मीद?
सातवां वेतन आयोग (7th pay commission) फरवरी 2014 में घोषित हुआ था और जनवरी 2016 में लागू। यानी 2 साल की तैयारी लगी। लेकिन जुलाई 2025 तक आठवें वेतन आयोग (8th pay commission news) का गठन तक नहीं हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इस साल के अंत तक आठवें वेतन आयोग का गठन कर लिया जाता है, तो रिपोर्ट, समीक्षा, कैबिनेट अप्रूवल (cabinet approval) और सिफारिशों को लागू करने में 18 से 24 महीने लग सकते हैं। ऐसे में जनवरी 2026 की समयसीमा नामुमकिन हो गई है।
आठवें वेतन आयोग के लागू होने से हजारों करोड़ का अतिरिक्त खर्च-
वेतन आयोग से जुड़ा कोई भी निर्णय सरकार के लिए सिर्फ आर्थिक नहीं, राजनीतिक भी होता है। एक तरफ कर्मचारियों की उम्मीदें हैं, दूसरी तरफ बजट घाटा, लोक लुभावन योजनाएं और चुनावी वादों पर सरकारी खजाने से हो रहा मोटा खर्च। 30 प्रतिशत से अधिक वेतन बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर हजारों करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा। संभवतः इसी कारण से सरकार अभी सोच-समझकर कदम बढ़ा रही है।
केंद्रीय कर्मियों, पेंशनरों के लिए उम्मीद और धैर्य दोनों जरूरी-
आठवां वेतन आयोग लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आशा की नई किरण है। हालांकि, ऐसे निर्णय तुरंत नहीं होते। कर्मचारियों को धैर्य रखना होगा क्योंकि इसमें समय लग सकता है। अच्छी खबर देर से ही सही, पर निश्चित रूप से आएगी, और जब आएगी, तो जीवन में राहत और नई ऊर्जा लेकर आएगी।