Gold Rate Down : अगस्त के आज तीसरे दिन भी सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई है। आज 4 अगस्त को सोने के दाम में तगड़ी गिरावट के साथ ही सोने की डिमांड में भी कमी आई है। सोने की कीमतों में ये गिरावट के चलते एक्सपर्ट ने भी सोने के भावों (Sone Ke Rate) को लेकर अपनी राय दी है। आइए खबर में जानते हैं कि सोने की कीमतों में ये गिरावट क्यों आ रही है और अभी सोने के भाव क्या चल रहे हैं।
सोने-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ावव का दौर हर दिन जारी रहता है। आज 4 अगस्त को सोना औंधे मुंह धड़ाम से गिरा है। अगर आप भी हाल फिलहाल में सोना खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो अभी आपके पास सुनहरा मौका है, क्योंकिे आज सोने के दामों (Sone Ke Bhav) में तगड़ी गिरावट देखी गई है। आइए खबर में जानते हैं कि क्या सोने के दाम में ये गिरावट अभी जारी रहने वाली है।
सेफ हैवेन माना जा रहा है सोना
इन्वेस्टमेंट की दुनिया में सोने को सेफ हैवेन कहा जाता है। यानी की जब भी दुनिया में कोई मुश्किलात पैदा होती है तो निवेशक अपना पैसा हर जगह से निकाल कर सोने में इन्वेस्ट करने लग जाते हैं। इसके चलते सोना महंगा होने लगता है।
वहीं पिछले तीन साल के बाद अब सेंट्रल बैंकों (Central Bank Gold Demand)की तरफ से भी सोने की खरीदारी में सुस्ती आई है। इससे पहले साल 2022 से सोने के दाम में तेजी बनी हु ई है, जिसकी सबसे ज्यादा डिमांड सेंट्रल बैंकों से रही।
2022 से अब तक कितनी हुई सोने की खरीददारी
सुत्रो के मुताबिक दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों (Central Banks) ने 2022 में 1,082 टन सोना खरीदा था और उसके बाद 2023 में 1,037 टन और 2024 में रिकॉर्ड 1,180 टन सोने की खरीददारी की।
जबकि 2020 और 2021 में कुल खरीददारी का ये आंकड़ा 1,000 टन से भी कम था। इससे यह पता चलता है कि बीते तीन सालों में सेंट्रल बैंकों की गोल्ड बाइंग (Gold Buying by Central Banks) में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
तीन साल में मिला इतना रिटर्न
आंकड़ो से यह क्लियर हो गया है कि जैसे-जैसे सेंट्रल बैंकों (Central Banks)ने सोना खरीदना शुरू किया, वैसे-वैसे इसकी डिमांड में इजाफा हुआ है और दाम में भी तेजी से उछाल आया है।
वहीं, इससे पहले जुलाई 2022 में गोल्ड की कीमत (Sone Ke Bhav)1,730 यूएस डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड कर रही थी, वहीं जुलाई 2025 में यह बढ़कर 3,330 यूएस डॉलर पर आ गई है। यानी की देखा जाए तो तीन साल में 90 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न मिला।
केंद्रीय बैंकों ने दिखाई सोने को खरीदरने में सुस्ती
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (World Gold Council – WGC) के आंकड़ों पर गौर करें तो केंद्रीय बैंकों (Central Banks)ने तीन महीने के टाइम पीरियड में ही 166.5 टन सोना खरीदा गया, जो देखा जाए तो पहली तिमाही के मुकाबले एक तिहाई कम रहा है, जिससे साल की पहली छमाही में खरीदारी 2022 के बाद से बेहद कम हो गई है। अब साल 2025 तक केंद्रीय बैंकों की डिमांड तकरीबन 815 टन रहने की संभावना जताई है।
बीते वर्ष इतना सोना हुआ इंपोर्ट
एक्सपर्ट का कहना है कि सोना अभी भी इन्वेस्टमेंट (Gold Invesstment) का बेस्ट ऑप्शन है। बैंक ऑफ अमेरिका की ओर से अनुमान लगाया गया कि 2025 में सोने के भाव 4,000 डॉलर प्रति औंस पहुंचने के अनुमान है।
बता दें कि अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था कमजोर होती है या ट्रंप की नीतियां डॉलर को और कमजोर करती हैं, जो इसका प्रभाव सोने की डिमांड (Gold Demand) पर भी पड़ता है।
अब इस समय में शादी-ब्याह और त्योहारों के चलते ऊंची कीमतों की वजह से लोग सोने में कम निवेश कर रहे हैं। बता दें कि साल 2024 में भारत ने 63.3 अरब डॉलर का सोना इंपोर्ट किया है, जो पिछले साल से 39 प्रतिशत ज्यादा है।