UP DA merger : उत्तर प्रदेशम में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को लेकर बड़ा अपडेट आ रहा है। कर्मचारियों को महंगाई भत्ते से अच्छी सैलरी बढ़ने की उम्मीद है। फिलहाल 7वां वेतन आयोग के अनुसार बेसिक सैलरी पर 55 प्रतिशत डीए मिल रहा है। इसे मर्ज करने का फॉर्मूला आ गया है।
उत्तर प्रदेश हो या फिर कोई दूसरा राज्य, महंगाई बढ़ने के हिसाब से कर्मचारियों को उनकी बेसिक सैलरी पर अतिरिक्त रुपये दिए जाते हैं।
इसी को महंगाई भत्ता बोला जाता है। कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से ज्यादा हो चुका है। महंगाई भत्ता फिहलहाल 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission latest update) के तहत मिल रही बेसिक सैलरी पर 55 प्रतिशत एड होकर मिल रहा है।
महंगाई भत्ते में होगी इतनी बढ़ौतरी
यूपी में कर्मचारियों के लिए सरकार ने लास्ट टाइम अप्रैल में महंगाई भत्ते (DA Hike) में 2 प्रतिशत की बढ़ौतरी की घोषणा की थी। यह 53 प्रतिशत था। इससे बढ़कर महंगाई भत्ता 55 प्रतिशत हो गया था। कर्मचारियों को अब जुलाई 2025 के महंगाई भत्ते में इजाफा दिया जाएगा।
महंगाई भत्ता होगा बेसिक सैलरी में मर्ज
सरकार की ओर से लगातार महंगाई भत्ता बढ़ाया जा रहा है। अक्तूबर 2024 में डीए को 3 प्रतिशत की बढ़ौतरी के साथ 50 से बढ़ाकर 53 प्रतिशत कर दिया गया था।
इसके बाद से ही चर्चा शुरू हो गई थी कि अब डीए को बेसिक सैलरी (basic salary) के साथ मर्ज किया जाएगा। ऐसा होने पर सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में काफी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
मर्ज होने के क्या हैं कारण
कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 53 प्रतिशत जोने के बाद से इसे बेसिक सैलरी में मर्ज (7th Pay Commission DA merge) करने की बात चलने लगी थी। ऐसा पहली बार नहीं है। इससे पहले छठे वेतन आयोग की सैलरी पर डीए 50 प्रतिशत से ज्यादा जाने पर यह चर्चा ते हो गई थी।
फिर से ऐसी ही चर्चा शुरू हो गई है। इसके पीछे का कारण 50 प्रतिशत से ज्यादा डीए होना ही माना जा रहा है। हालांकि अब 55 प्रतिशत डीए मिल रहा है।
केंद्रीय मंत्री का आया जवाब
देश में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से इसपर बड़ा अपडेट आया है। मंत्री वैष्णव ने कहा कि इसके मर्ज (Basic salary DA merge) करने पर चर्चा की जा रही है। परंतु फिलहाल सरकार की ओर से इसपर कोई फैसला नहीं किया गया है। पांचवें छठे आयोग के दौरान भी ये सिफारिशें की गई थी।
इससे पहले हो चुका है मर्ज
डीए मर्ज होने की चर्चाओं के पीछे इतिहास में किए गए फैसले हैं। 2004 में भी डीए जब 50 प्रतिशत से ज्यादा चला गया था तो 50 प्रतिशत डीए (DA) को बेसिक सैलरी में मर्ज किया था। लेकिन बाद में इन नियमों को फिर से बदल दिया गया था।
बदल जाएगा सैलरी स्ट्रक्चर
हाल में कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के अनुसार 18 हजार रुपये न्यूनतम बेसिक सैलरी (minimum basic salary) मिलती है। इसपर 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलता है। अगर ये मर्ज किया गया तो बेसिक सैलरी का स्ट्रक्चर बदल जाएगा। इससे अन्य अलाउंस और भत्तों पर भी असर पड़ेगा। इससे सैलरी का स्ट्रक्चर बदल जाएगा।
8वें वेतन आयोग के दौरान किया जाएगा मर्ज
हालांकि 8वें वेतन आयोग से पहले बेसिक सैलरी में डीए को मिलाकर देखा जाएगा कि कर्मचारियों की ग्रोस सैलरी क्या चल रही है। सैलरी संशोधन के लिए फिटमेंट फैक्टर के साथ डीए अहम भूमिका निभाएगा।