अब CBSE स्कूलों में छुट्टी लेना हुआ मुश्किल! जानिए, क्या है नई लीव पॉलिसी पढ़ें इस नई पॉलिसी के सभी अहम नियम, जिससे स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स को हो सकती है परेशानी। जानें
अगर आप CBSE स्कूल में पढ़ते हैं या आपके बच्चे पढ़ते हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. अब स्कूल से छुट्टी लेना पहले जितना आसान नहीं रहेगा. चाहे तबीयत खराब हो, घर में कोई दुखद घटना हो या फिर कोई जरूरी वजह छुट्टी के लिए स्कूल को पहले से बताना होगा, और जरूरी दस्तावेज भी जमा करने होंगे. बिना इसकी जानकारी दिए अगर बच्चा स्कूल नहीं आया तो बच्चा बोर्ड परीक्षा भी नहीं दे पाएगा.
अब बिना बताए छुट्टी ली तो बोर्ड एग्जाम नहीं दे पाएंगे
CBSE ने नई अटेंडेंस और लीव पॉलिसी का नोटिस जारी किया है. अब अगर कोई छात्र बिना बताए स्कूल से गैरहाजिर रहता है, तो उसे ‘डमी स्टूडेंट’ माना जाएगा, और वह 10वीं या 12वीं बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेगा.
यह नियम सिर्फ मामूली छुट्टियों पर नहीं, बल्कि मां या पिता की मृत्यु जैसी गंभीर स्थिति में ली गई छुट्टी पर भी लागू होता है. ऐसी स्थिति में भी मृत्यु प्रमाण पत्र और लीव एप्लिकेशन देना जरूरी होगा.
CBSE का साफ निर्देश स्कूलों को
CBSE ने सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों को आदेश दिए हैं कि वे स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स को लीव और अटेंडेंस के नए नियमों की पूरी जानकारी दें. छुट्टी कैसे लेनी है, क्या डॉक्युमेंट देना होगा, और अगर नियम तोड़े तो क्या होगा सब कुछ पैरेंट्स को पहले से बताया जाए.
छुट्टी लेने का नया तरीका अब ऐसे लेनी होगी लीव
छुट्टी की वजह | जरूरी डॉक्युमेंट्स |
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लंबी बीमारी | मेडिकल सर्टिफिकेट, रिपोर्ट, पैरेंट्स की एप्लिकेशन, स्कूल की सिफारिश |
मां-पिता की मृत्यु | मृत्यु प्रमाण पत्र, आवेदन, स्कूल की सिफारिश |
गंभीर पारिवारिक स्थिति | सरकारी प्रमाण पत्र, स्कूल की सिफारिश |
राष्ट्रीय खेल में भागीदारी | खेल संस्था की सिफारिश, पैरेंट्स की एप्लिकेशन |
SOP के तहत अंतर्राष्ट्रीय खेल | भारतीय खेल प्राधिकरण का पत्र, स्कूल की सिफारिश |
बोर्ड एग्जाम के लिए जरूरी है 75% अटेंडेंस
CBSE के नियमों के मुताबिक, 10वीं और 12वीं के छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए कम से कम 75% उपस्थिति जरूरी है. यानी पूरे साल में आप केवल 25% तक की छुट्टियां ही ले सकते हैं वो भी सर्टिफिकेट के साथ.
अगर आपकी अटेंडेंस 75% से कम हो गई और आपने कोई ठोस वजह और प्रमाण नहीं दिए, तो आपको बोर्ड परीक्षा में बैठने से मना किया जा सकता है.
शॉर्ट अटेंडेंस के मामलों पर सुनवाई कब तक?
अगर किसी छात्र की अटेंडेंस कम रह जाती है, तो स्कूल को उसका कारण, सभी डॉक्युमेंट्स और जरूरी फॉर्म 7 जनवरी तक CBSE रीजनल ऑफिस को भेजने होंगे. उसके बाद कोई भी मामला स्वीकार नहीं किया जाएगा.
अगर स्कूल बाद में कहे कि छात्र की अटेंडेंस अब पूरी हो गई है, तो CBSE इसे डेटा में हेरफेर मानेगा और कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.