UP Employees News : उत्तर प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर आई है। उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता जल्द जीरो होने वाला है। महंगाई भत्ते का गुणा गणित भी बदलने वाला है। कर्मचारियों को इसके लिए तैयार रहना होगा। कर्मचारियों की सैलरी का अहम हिस्सा महंगाई भत्ता भी है।
उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों को फिलहाल 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। इससे पहले कर्मचारियों को 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा था और दो प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ने की उम्मीद थी।
इसी बीच कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में जुलाई की बढ़ौतरी से पहले बड़ी खबर आ रही है। कर्मचारियों का महंगाई भत्ता जीरो यानी शुन्य हो जाएगा।
बदल जाएगा महंगाई भत्ते का गणित
उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का गणित पूरी तरह से बदल जाएगा। इस गणित से लोगों को भविष्य में लाभ होगा। अभी जुलाई 2025 का महंगाई भत्ता तो पुराने गणित से ही तय किया जाएगा।
ऐसे 0 होगा महंगाई भत्ता
दरअसल, उत्तर प्रदेश में 8वें वेतन आयोग के चलते कर्मचारियों का महंगाई भत्ता शून्य(0 )कर दिया जाना है। इसका अर्थ है कि नया वेतन आयोग लागू होते ही महंगाई भत्ते (Dearness allowance) की गणना दोबारा शून्य से शुरू की जाएगी। कर्मचारियों की गणना का फॉर्मूला भी बदलने वाला है।
डीए होगा बेसिक सैलरी में मर्ज
अब तक के ट्रेंड के अनुसार जनवरी 2026 तक महंगाई भत्ता (DA) 61 फीसदी तक पहुंचने का अंदाजा लगाया जा रहा है। अगर नया वेतन (Dearness allowance) आयोग लागू होता है तो उसके बाद नियमानुसार कर्मचारियों को मिलने वाला DA भी शून्य (0) करके बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा। यह फिर नए वेतर आयोग के बाद ही चालू होगा।
कितना किया जाएगा मर्ज
कर्मचारियों को फिलहाल 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है। जल्द ही उम्मीद है कि यह 58 प्रतिशत हो जाएगा। परंतु, मर्ज करने की बात करें तो 50 फीसदी DA को ही बेसिक सैलरी में मर्ज किया जाएगा। इससे ऊपर के डीए को मर्ज नहीं किया जाएगा। सरकार की ओर से अभी तक कोई भी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
गणना का बदल जाएगा तरीका
उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों की सैलरी में गणना के तरीके को बदल दिया जाएगा। अगर महंगाई भत्ता जीरो (0) हो जाता है तो आगे की गणना महंगाई के अनुसार ही की जाएगी। अगर महंगाई भत्ता (DA) जीरो होता है तो नए वेतन आयोग के लागू होने के छह महीने बाद महंगाई के आंकड़ों के आधार पर आगे की गणना होगी और महंगाई भत्ते में संशोधन होते हुए सैलरी में संशोधन होता जाएगा।
महंगाई भत्ते को ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के आधार पर तय किया जाता है। साथ में बेस ईयर 2016 लागू होता है। अबकि बार कर्मचारियों के लिए बेस ईयर 2026 किया जा सकता है। साथ में एआईसीपीआई की जगह स्पेशल कर्मचारियों के लिए महंगाई की गणना भी की जा सकती है।