इस सब्जी की खेती किसानों के लिए बहुत लाभदायक होती है क्योकि इसकी कीमत और मांग बाजार में बरसात के मौसम में ज्यादा होती है।
बाजार में 40 रूपए किलो बिक रही है ये सब्जी
गिलकी की मांग बाजार में बहुत होती है बरसात के दिनों में ये सब्जी मार्केट में 40 रूपए किलो से नीचे नहीं बिक रही है। इसकी खेती के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली किस्म का चुनाव करना बहुत गुणकारी साबित होता है गिलकी की ये वैरायटी कम दिनों में तैयार हो जाती है। इस किस्म के बीज विशिष्ट रूप से सफेद होते हैं, जो इसे अन्य किस्मों से अलग करते है। हम बात कर रहे है गिलकी की आइरिस श्वेता F1 वैरायटी की खेती की ये गिलकी की एक संकर (हाइब्रिड) किस्म है। इसके फल आकर्षक हल्के हरे रंग के होते है जिनकी लंबाई 25 से 27 सेमी और चौड़ाई 2.5 से 3 सेमी होती है।

गिलकी की आइरिस श्वेता F1 वैरायटी
गिलकी की आइरिस श्वेता F1 वैरायटी की खेती के लिए उचित जल धारण क्षमता वाली रेतीली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। इसकी बुआई के लिए प्रति एकड़ 5-7 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बुआई के समय दो बीज प्रति कतार 3 मीटर की दूरी पर और 75-90 सेमी की दूरी पर बोना चाहिए ध्यान रहे बीजों को 2.5-3 सेमी की गहराई पर बोना उचित होता है। इसकी खेती में मचान विधि का इस्तेमाल कर सकते है जिससे उत्पादन और अच्छा होता है। इसकी खेती में रोगों और कीटों से बचाव के लिए उचित उपाय करना चाहिए। बुआई के बाद गिलकी की आइरिस श्वेता F1 वैरायटी की फसल करीब 50 से 60 दिनों में तैयार हो जाती है।
कितना होगा मुनाफा
अगर आप गिलकी की आइरिस श्वेता F1 वैरायटी की खेती करते है तो आपको इसकी खेती से बहुत ज्यादा जबरदस्त उत्पादन देखने को प्राप्त होगा। एक एकड़ में गिलकी की आइरिस श्वेता F1 वैरायटी की खेती करने से लगभग 100 से 120 क्विंटल तक उत्पादन मिलता है आप इसकी खेती से 4 से 5 लाख रूपए की कमाई कर सकते है। ये बाजार में बरसात के दिनों में 40 रूपए प्रति किलो तक बिकती है। गिलकी की आइरिस श्वेता F1 वैरायटी की खेती बहुत फायदेमंद होती है।