देश में भीषण गर्मी के बीच राहत की बड़ी खबर! IMD के मुताबिक इस बार मॉनसून तय समय से पहले केरल में दस्तक देगा — सिर्फ 4-5 दिन में! अगर अनुमान सही रहा तो ये 2009 के बाद सबसे जल्दी आने वाला मानसून होगा. जानिए कब बरसेंगे बादल और आपके शहर में बारिश की पहली बौछार कब पड़ेगी!
नई दिल्ली। देशभर में तपती गर्मी से जूझ रहे लोगों को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ताजा घोषणा ने राहत दी है। मौसम विभाग ने मंगलवार को जानकारी दी कि दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest Monsoon 2025) अगले 4 से 5 दिनों में केरल में दस्तक दे सकता है। यह सामान्य तिथि 1 जून से पहले होगा, और 2009 के बाद अब तक का सबसे जल्दी पहुंचने वाला मानसून बन सकता है।
IMD के मुताबिक, इस साल मानसून की शुरुआत 27 मई के आसपास होने की संभावना है। अगर ऐसा होता है, तो 2009 के बाद यह पहला मौका होगा जब मानसून इतनी जल्दी भारत की मुख्य भूमि में प्रवेश करेगा। उस वर्ष मॉनसून ने 23 मई को दस्तक दी थी।
2009 के बाद सबसे जल्दी आएगा मानसून?
IMD ने अपने बुलेटिन में कहा है कि मानसून के आगमन के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं। विभाग के अनुसार,
“अगले चार से पांच दिनों में केरल में मानसून के पहुंचने की संभावना है।”
आमतौर पर मानसून 1 जून तक केरल पहुंचता है और 8 जुलाई तक पूरे देश में सक्रिय हो जाता है। इसके बाद यह सितंबर के मध्य से धीरे-धीरे वापस लौटता है।
पिछले वर्षों में कब पहुंचा था मानसून?
- 2024 – 30 मई
- 2023 – 8 जून
- 2022 – 29 मई
- 2021 – 3 जून
- 2020 – 1 जून
- 2019 – 8 जून
- 2018 – 29 मई
इस साल अप्रैल में ही IMD ने संकेत दिए थे कि 2025 का मानसून सामान्य से अधिक वर्षा ला सकता है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया था कि अल नीनो प्रभाव कमजोर रहेगा, जिससे मानसून पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा।
मानसून क्यों है भारत के लिए जरूरी?
भारत की लगभग 42% आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर है और यह क्षेत्र देश की जीडीपी में लगभग 18.2% का योगदान देता है। मानसून समय पर आता है तो फसल, सिंचाई, बिजली उत्पादन और जलस्तर सभी को मजबूती मिलती है। वहीं देरी या कमजोर मानसून से खाद्य आपूर्ति और महंगाई पर असर पड़ता है।
IMD ने बताया कि सामान्य वर्षा 96%-104% के बीच मानी जाती है। इससे ऊपर या नीचे जाने पर देश के कृषि और अर्थव्यवस्था पर गहरा असर हो सकता है।