कमाई से पहले Suzlon के शेयरों में भले ही गिरावट दिखी हो, लेकिन देश के बड़े ब्रोकरेज हाउस अब भी इसे मजबूत खरीदारी का मौका मान रहे हैं। क्या यह गिरावट सिर्फ एक मौका है बड़े रिटर्न के लिए? जानिए निवेशकों को क्यों मिल रही है ‘बाय’ की सलाह और आगे की रणनीति क्या होनी चाहिए।
सुजलॉन एनर्जी (Suzlon Energy) के शेयर गुरुवार को बीएसई (BSE) पर ₹67.35 पर खुले और दिन के उच्चतम स्तर ₹67.64 तक पहुंचे, जबकि दिन का निचला स्तर ₹64.75 दर्ज किया गया। ट्रेडिंग वॉल्यूम की बात करें तो यह 58.78 मिलियन शेयर रहा, जो पिछले 20 दिनों के औसत वॉल्यूम 87 मिलियन शेयर की तुलना में कहीं कम रहा। इन आंकड़ों से यह संकेत मिलता है कि निवेशकों में कमाई के पहले सतर्कता का माहौल बना हुआ है, लेकिन लंबी अवधि की संभावनाएं अब भी मजबूत बनी हुई हैं।
बीएसई पर कमजोर शुरुआत, लेकिन उम्मीदों की डोर कायम
सुबह के सत्र में सुजलॉन एनर्जी के शेयरों ने हल्की गिरावट के साथ शुरुआत की, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि बाजार में कुछ हद तक मुनाफावसूली देखने को मिल रही है। कंपनी के शेयर ₹67.35 पर खुले जो पिछले बंद स्तर से थोड़ा कम था। हालांकि दिन भर के सत्र में शेयर ने ₹67.64 का उच्चतम स्तर छू लिया, जिससे यह भी झलकता है कि बाजार में खरीदारी की रुचि पूरी तरह खत्म नहीं हुई है।
गिरावट के बावजूद निवेशकों का भरोसा बना हुआ
हालांकि शेयर दिन के अंत तक कुछ हद तक दबाव में दिखा और इसका निचला स्तर ₹64.75 रहा, लेकिन ट्रेडिंग वॉल्यूम में आई गिरावट संकेत देती है कि यह कोई घबराहट वाली बिकवाली नहीं थी, बल्कि एक सामान्य वॉल्यूम कूल-ऑफ था। बीते कुछ हफ्तों में Renewable Energy सेक्टर को लेकर बाजार में सकारात्मकता बनी हुई है, और सुजलॉन एनर्जी जैसी कंपनियों को इसका फायदा मिल रहा है।
कमाई के आंकड़ों से पहले बाजार में सतर्कता
कंपनी के आगामी तिमाही नतीजे आने वाले हैं, और इसी के चलते निवेशक कुछ सतर्क नजर आ रहे हैं। ट्रेडिंग वॉल्यूम में आई कमी यह दर्शाती है कि बड़ी संख्या में निवेशकों ने कमाई के आंकड़े आने से पहले ‘वेट एंड वॉच’ की रणनीति अपनाई है। यह स्थिति अक्सर उन कंपनियों में देखी जाती है जहां से मजबूत कमाई की उम्मीद हो लेकिन अस्थिर बाजार सेंटीमेंट्स के कारण निवेशक जोखिम उठाने से हिचकते हैं।
रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र में सुजलॉन की स्थिति
सुजलॉन एनर्जी देश की अग्रणी Renewable Energy कंपनियों में से एक है, जो पवन ऊर्जा के क्षेत्र में काम करती है। भारत में रिन्यूएबल एनर्जी की मांग तेजी से बढ़ रही है और सरकार द्वारा लगातार इस सेक्टर को बढ़ावा दिया जा रहा है। सुजलॉन का बिजनेस मॉडल, टैक्नोलॉजी में नवाचार और मजबूत ऑर्डर बुक इसे निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बनाता है। हाल ही में कंपनी को कई बड़े प्रोजेक्ट्स भी मिले हैं, जिससे निवेशकों की दीर्घकालिक उम्मीदें बनी हुई हैं।
आईपीओ और निवेशकों की दीर्घकालिक रणनीति
हालांकि इस समय कंपनी के शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं, लेकिन IPO निवेशकों के लिए यह अध्ययन का विषय है कि वे ऐसी कंपनियों में किस आधार पर निवेश करें। सुजलॉन ने अपनी पुरानी वित्तीय चुनौतियों से उबरते हुए खुद को एक सस्टेनेबल और मुनाफा देने वाली कंपनी के रूप में पुनर्स्थापित किया है। यह निवेशकों के विश्वास का परिणाम है कि हर गिरावट के बाद भी कंपनी के शेयर फिर से उभरते हैं।
भविष्य की दिशा और बाजार विश्लेषण
विश्लेषकों का मानना है कि कमाई के आंकड़े यदि बाजार की उम्मीदों के अनुसार आते हैं तो कंपनी के शेयरों में फिर से तेजी देखी जा सकती है। तकनीकी विश्लेषण के मुताबिक ₹64 का स्तर एक मजबूत सपोर्ट बना हुआ है और यदि यह स्तर नहीं टूटता, तो आगे ₹70 से ऊपर की रैली संभव है। इसके अलावा सरकार की ओर से Green Energy Mission और अन्य नीतिगत समर्थन कंपनी के विकास में और सहायक साबित होंगे।
निवेशकों के लिए क्या है रणनीति?
निवेशकों के लिए यह समय धैर्य रखने और कंपनी के मूलभूत कारकों पर भरोसा रखने का है। सुजलॉन एनर्जी का मजबूत ऑर्डर बुक, रिन्यूएबल, एनर्जी सेक्टर की बढ़ती मांग, और सरकार की सकारात्मक नीतियां इसे एक दीर्घकालिक निवेश के रूप में मजबूत बनाती हैं। गिरावट के मौकों को खरीदारी के लिए अवसर के रूप में देखा जा सकता है, खासकर उन निवेशकों के लिए जो लॉन्ग टर्म दृष्टिकोण रखते है।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		